आलोचना को गुस्सा या उदासी के बिना गम्भीरता से लें। ख़ुद को सुधारने के लिए इसका उपयोग करें और इसका स्वागत करें।
चारीजी
May 27th 2025
मन को तभी चैन मिलता है जब हृदय शान्त हो।
दाजी
May 26th 2025
सबके अंदर समान दिव्यता निवास करती है इसलिए ऐसी कोई वजह नहीं जिससे किसी से भी घृणा की जाए।
बाबूजी
May 25th 2025
ख़ुद का आत्मावलोकन और आत्मविश्लेषण करते समय सतत सतर्क रहें कि मैं किस तरह से ख़ुद को अधिकाधिक सुधार सकता हूँ?
दाजी
May 24th 2025
हमारी आत्मा और सभी की आत्मा एक ही है।
लालाजी
May 23rd 2025
हृदय की पवित्रता आपकी अंतर्दृष्टि को अत्यन्त शक्तिशाली बना देती है जिससे आप अनेक कार्य करने में सक्षम हो जाते हैं।
दाजी
May 22nd 2025
अपनी नियति को बदला जा सकता है लेकिन केवल वर्तमान में।
दाजी
May 21st 2025
'जीवन में जीवन' ही जब असली जीवन है तो मृत्यु से क्या डरना?
बाबूजी
May 20th 2025
स्वीकार्यता क्रमिक-विकास की सूचक है। हमारी तैयारी या मनोभाव यह होना चाहिए कि चाहे जो भी हो, मैं उसका सामना करने के लिए तैयार हूँ।
दाजी
May 19th 2025
आध्यात्मिक दशा में ही कोई कली प्रस्फुटित होती है।
बाबूजी
May 18th 2025
जब हम स्वीकार करना और प्रेम करना सीख लेते हैं, तब हमारे जीवन का हर पहलू फलने-फूलने लगता है।
दाजी
May 17th 2025
ध्यान करने का क्या मतलब अगर हम एक बेहतर व्यक्ति न बन पाएँ - पहले से अधिक दयालु, अधिक कृपालु और अधिक दानी?
दाजी
May 16th 2025
एक ही रूप सर्वव्यापी है। सागर और बूँद एक ही हैं - चाहे बूँद में सागर कह लें या सागर ही को बूँद कह दें।
लालाजी
May 15th 2025
हार्टफुलनेस यानी दिल की आवाज़ का अनुसरण करना है।
दाजी
May 14th 2025
आध्यात्मिकता की राह निर्भीक और साहसी लोगों के लिए है।
दाजी
May 13th 2025
अतीत के बारे में ही न सोचते रहें, बल्कि वर्तमान में ही ख़ुद को सुधारने की कोशिश करें, ताकि आपका भविष्य आपके अतीत से बेहतर हो।
चारीजी
May 12th 2025
प्रार्थनापूर्ण हृदय खुद में हर वक्त दिव्यता के सार को समेटे रखता है।
दाजी
May 11th 2025
मनुष्य में जितनी विवेक शक्ति होगी उसकी आत्मा उतनी ही निर्मल होगी।
लालाजी
May 10th 2025
जब हम अपनी पसन्द और नापसन्द से अत्यधिक प्रतिक्रिया करते है तब हम अपने मन पर अनचाही छापें बना लेते हैं।
दाजी
May 9th 2025
झूठ बोलने के लिए आपको बहुत रचनात्मक होना पड़ता है, लेकिन सच बोलने के लिए आपको सहज होना पड़ता है। सच पवित्र होता है, जो सीधे दिल से आता है।
दाजी
May 8th 2025
सहज अभ्यास अपनाएँ। इस रहस्य को जान लें कि अभ्यास के बिना कुछ भी हासिल नहीं होता। केवल अध्यात्म में ही नहीं बल्कि सांसारिक मामलों में भी अभ्यास की ज़रूरत होती है।
लालाजी
May 7th 2025
सादगी और शुद्धता हमारी कमज़ोरी नहीं हैं। अगर हम चाहें तो इन्हें अपनी ताकत बना सकते हैं।
दाजी
May 6th 2025
जीवन में कठिन परिस्थितियाँ आने पर हम पहले से अधिक मजबूत होकर निकलते हैं।
दाजी
May 5th 2025
पूनम का चाँद कितना भी ख़ूबसूरत क्यों न हो सूरज के बिना उसका कोई वजूद नहीं।
चारीजी
May 4th 2025
समाधि यानी संतुलन की परम अवस्था, ठीक वैसी जैसे कि सृष्टि रचना के पहले थी।
दाजी
May 3rd 2025
जंगल में रहने वाला व्यक्ति अगर बरसों तक जंगल में तरह-तरह के जानवर देखता रहे तो एक समय ऐसा आएगा जब वह इंसान को भी जानवर समझने लगेगा। जब हमें नकारात्मक पक्ष को देखने की आदत पड़ जाती है तो सकारात्मक पक्ष में भी बुराई नजर आने लगती है।
बाबूजी
May 2nd 2025
अपनी संपूर्ण क्षमता तक साहस का उपयोग करते हुए दूसरों के कष्ट दूर करने का प्रयास अवश्य करें ताकि वे व्यग्रता की हालत से बाहर निकल कर खुशी पा सकें।
बाबूजी
May 1st 2025
बच्चा जब आश्चर्य करना शुरु करता है तभी उसके अंदर सोचने की प्रक्रिया शुरू होती है और वह माँ-पिता से इसे अभिव्यक्त करना सीखने लगता है। जब विचार एकत्रित होते हैं तब ताकतवर होने लगते हैं और अभिव्यक्ति के लिए एक तंत्र के रूप में काम करते हैं।