आलोचना को गुस्सा या उदासी के बिना गम्भीरता से लें। ख़ुद को सुधारने के लिए इसका उपयोग करें और इसका स्वागत करें।
चारीजी
June 28th 2024
अनन्त लक्ष्य पर बिना प्रयास के केन्द्रित होना ही ध्यान है।
दाजी
June 27th 2024
ख़ुशी बाहरी कारकों पर निर्भर नहीं होती। हमें ख़ुश रहने के इन बाहरी स्रोतों पर अपनी निर्भरता को किसी अन्य अधिक स्थायी स्रोत से संतुलित करना चाहिए।
दाजी
June 26th 2024
जब आप शान्तिपूर्ण महसूस करते हैं तो यह आपकी आत्मा का स्वभाव है।
दाजी
June 25th 2024
श्रद्धा नश्वर और अनश्वर को जोड़ने वाली एक सजीव कड़ी है।
बाबूजी
June 24th 2024
समानुभूति यानी किसी और की भावनाओं को स्वाभाविक रूप से समझना, कि वह क्या महसूस कर रहा है, उन्होंने आपमें क्या भाव जगाए हैं।
चारीजी
June 23rd 2024
यह हमारा दिल ही है जिसके ज़रिए हम अपनी आत्मा के साथ जुड़ सकते हैं। लिहाज़ा, दिल पर ध्यान करने के पीछे एक बड़ा दर्शन निहित है।
दाजी
June 22nd 2024
शिष्टाचार आध्यात्मिकता की आत्मा है।
लालाजी
June 21st 2024
अपने प्रतिदिन के विचारों से ही हम अपनी नियति का निर्माण करते हैं।
दाजी
June 20th 2024
पहले ही कदम पर लिए गए दृढ़ संकल्प को यदि अंत तक कायम रखा जाए तो वह पूर्ण सफलता प्राप्त करने में कभी विफल नहीं होगा।
बाबूजी
June 19th 2024
ज्ञान से अनुभव श्रेष्ठ होता है।
दाजी
June 18th 2024
अंतःकरण और कुछ नहीं बल्कि अंदर की आवाज़ है।
चारीजी
June 17th 2024
जब हृदय में शान्ति हो तो मन भी स्थिर हो जाता है।
दाजी
June 16th 2024
भले ही कोई फूल चट्टानों की दरारों के बीच छिपा हो, मधुमक्खी ढूँढ़ ही लेती है कि वह कहाँ खिला है। हम अपने दिलों को ऐसे फूलों की तरह कैसे बना सकते हैं?
दाजी
June 15th 2024
बच्चे दर्पण की तरह होते हैं, हमारे लाख छिपाने की कोशिश के बावजूद भी एक बच्चे में सच को समझने की अनोखी योग्यता होती है।
चारीजी
June 14th 2024
प्रकृति के नियम के अनुसार प्रत्येक चीज़ वापस अपने स्रोत की ओर चली जाती है।
बाबूजी
June 13th 2024
प्रार्थना एक ऐसी आकांक्षा और तड़प पैदा करती है जिसका समाधान गहन ध्यान में जाकर मिलता है।
दाजी
June 12th 2024
कर्म का उद्देश्य जीवन की अभिव्यक्ति मात्र है। यदि जीवन बिना किसी को हानि पहुँचाए स्वयं को स्वाभाविक रूप से अभिव्यक्त करता है तो इसमें पाप या पुण्य कुछ नहीं होता।
लालाजी
June 11th 2024
परिस्थिति के अनुसार ढल जाना ही विनम्रता है।
दाजी
June 10th 2024
अतीत के बारे में ही न सोचते रहें, बल्कि वर्तमान में ही ख़ुद को सुधारने की कोशिश करें, ताकि आपका भविष्य आपके अतीत से बेहतर हो।
चारीजी
June 9th 2024
जब आप प्रियतम के साथ होते हैं तो इससे क्या फ़र्क पड़ता है कि आप जीतें या हारें?
दाजी
June 8th 2024
जीवन को संयमित बनाने के लिए हमें जीवन के आंतरिक और बाहरी, दोनों तौर-तरीक़ों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
बाबूजी
June 7th 2024
अपने रवैये में अड़ियलपन को छोड़कर लचीलापन लाएँ। फिर देखें, आपकी आध्यात्मिक प्रगति कितनी तेज़ी से होती है।
दाजी
June 6th 2024
हमें जिन चीज़ों की ज़रूरत होती है, वे हमारे भीतर पहले से ही मौजूद हैं।
दाजी
June 5th 2024
जब आप किसी को याद करते हैं तो यह निश्चित मानिए कि वह आपके क़रीब है।
बाबूजी
June 4th 2024
बाहर शान्ति बनाने के लिए पहले उसे दिल में होना चाहिए।
दाजी
June 3rd 2024
सच को इस तरह से कहने की कोशिश करें कि वह दूसरों में प्रेम जगाए।
दाजी
June 2nd 2024
हर चीज़ का आरंभ अभ्यास से होता है। समय के साथ यह अभ्यास जीवनशैली बन जाता है और जीवनशैली नियति की ओर ले जाती है।
दाजी
June 1st 2024
पूनम का चाँद कितना भी ख़ूबसूरत क्यों न हो सूरज के बिना उसका कोई वजूद नहीं।