जेसन नटिंग सजगता से खाना खाने की आदत के लाभ बता रहे हैं और हार्टफुलनेस के एक मूल सिद्धांत का परिचय कराते हुए इसे अगले स्तर पर ले जा रहे हैं ताकि भोजन के समय भौतिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य प्राप्त किया जा सके।
इस संसार में जहाँ ज़िंदगी की रफ़्तार हर गुज़रते दिन के साथ बढ़ती जा रही है, भारतीय ऋषि पतंजलि की प्राचीन पद्धति एक उम्मीद की किरण जगाती है। यह हमें सजगता और संयम के गुणों की ओर मार्गदर्शित करती है। ऋषि पतंजलि ने, जिन्होंने योग सूत्र दिए थे, शरीर, मन और आत्मा के सामंजस्य के महत्व पर ज़ोर दिया। यह एक ऐसी अवधारणा है जो अब पहले से भी अधिक प्रासंगिक लगती है, विशेषकर खाने और स्वास्थ्य के संदर्भ में।
सजगता से भोजन करने का आधार
सजग होकर भोजन करना सिर्फ़ एक आदत ही नहीं है बल्कि एक दर्शन है। जब हम इसे अपना लेते हैं तब यह भोजन के साथ हमारे संबंधों को बदल देता है। यह अपनी सभी इंद्रियों को शामिल करने, बिना आंकलन करे भोजन के प्रति अपनी प्रतिक्रिया को पहचानने और अपने भावनात्मक एवं शारीरिक संकेतों को स्वीकार करने से संबंधित है। यह दृष्टिकोण आजकल की उन जल्दी-जल्दी भोजन करने और अक्सर बिना ध्यान दिए खाने की आदतों से एकदम उल्टा है जो हमारा वज़न बढ़ाती हैं और हमें उस आनंद और पोषण से भी वंचित रखती हैं जो भोजन हमें देता है।
पतंजलि की शिक्षाएँ और खाने की कला पर आधुनिक अनुसंधान
पतंजलि ने हमारे व्यवहार में स्थिरता और सुख के महत्व के बारे में बताया है जिसे बहुत अच्छे से खाने की क्रिया पर लागू किया जा सकता है। धीरे-धीरे और अच्छे इरादे से खाना खाने से मन और शरीर में स्थिरता आती है। इससे हम भोजन की अधिक कदर कर पाते हैं, हमारा पाचन बेहतर होता है और हमें थोड़ा खाने से भी संतुष्टि मिलती है।
शोध से यही शिक्षाएँ सामने आती हैं जिनसे यह पता लगता है कि धीरे-धीरे और सजग होकर खाना हमारे वज़न को कम कर सकता है और हमें बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करता है। ‘जर्नल ऑफ़ द एकेडमी ऑफ़ न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स’ में प्रस्तुत एक अध्ययन के अनुसार यह पाया गया कि जो लोग धीरे-धीरे खाना खाते हैं वे कम कैलोरीज़ ग्रहण करते हैं, अधिक संतुष्टि का अनुभव करते हैं और अंततः उनका वज़न कम हो जाता है। धीरे-धीरे खाना खाने से शरीर यह संकेत देता है कि अब पेट भर गया है। इससे आपकी भूख से ज़्यादा भोजन करने की संभावना कम हो जाती है।
माइंडफुलनेस और हार्टफुलनेस - एक सुंदर समन्वय
सजग होकर भोजन करना हार्टफुलनेस के सिद्धांतों से गहराई से जुड़ा है जिसमें सचेत जागरूकता और हृदय पर केंद्रित होना शामिल हैं। हार्टफुलनेस का एक मुख्य सिद्धांत हमें अपना आंतरिक जुड़ाव बनाकर भोजन करने के लिए कहता है जिससे हम भोजन और अपने शरीर में सामंजस्य ला पाएँ। यह हमें अपने व्यस्त दिन में शांति के क्षण देता है जिसमें हम सादे भोजन को भी एक ध्यान और चिंतन करने का अवसर बना लेते हैं।
यह हमें अपने व्यस्त दिन में शांति के क्षण देता है जिसमें हम सादे भोजन को भी एक ध्यान और चिंतन करने का अवसर बना लेते हैं।
धीरे-धीरे और सजगता से खाने का तरीका
- कृतज्ञता के साथ शुरू करें - खाना शुरू करने के पहले एक पल के लिए अपने भोजन के लिए कृतज्ञता व्यक्त करें। यह आपके मन को केंद्रित होने के लिए और आपको सजगता से खाना खाने के अनुभव के लिए तैयार कर सकता है।

- अपनी सभी इंद्रियों का प्रयोग करें - खाने का रंग देखें, उसकी खुशबू सूँघें और हर कौर के साथ उसके स्वाद को महसूस करें। यह न सिर्फ़ आपके अनुभव को बेहतर बनाएगा बल्कि आपके खाने की रफ़्तार को भी कम करेगा।

- अच्छी तरह से चबाएँ - भोजन को कई बार चबाने का सचेत प्रयास करें। यह पाचन में सहायता करता है और आपके शरीर को यह समझने का समय मिल जाता है कि कब आपका पेट भर गया है।

- अपने चम्मच को नीचे रख दें - जब आपके मुँह में भोजन हो तो आप अपने चम्मच को नीचे रख दें। इससे आपको खाने की रफ़्तार कम करने में मदद मिलेगी और आपका ध्यान भोजन पर बेहतर तरीके से होगा।

- ध्यान भटकाने वाली चीज़ों को दूर कर दें - अपने टेलीविज़न को बंद कर दें और अपने फ़ोन को दूर रख दें। ध्यान भटकाने वाली चीज़ों के बगैर भोजन करने से आप अपने भोजन पर और अपने शरीर के संकेतों पर केंद्रित रह सकते हैं।

- अपने आप को जाँचें - भोजन करते समय बीच-बीच में नियमित रूप से विराम लें। इससे आप ज़रूरत से ज़्यादा खाने से बच जाएँगे और कम भोजन से ही आपको पूरी संतुष्टि मिल जाएगी।

अपने अभ्यास को गहरा करने के लिए विचारशील प्रश्न
- जब मैं धीरे-धीरे और बिना किसी भटकाव के खाता हूँ तब किस तरह की भावनाएँ और विचार उठते हैं? वे उनसे कैसे अलग होते हैं जब मैं जल्दी-जल्दी या बिना सजग होकर खाता हूँ?
- भोजन के पूर्व कृतज्ञता व्यक्त करने के अभ्यास से मेरे भोजन करने के अनुभव में क्या अंतर आया है?
- मैं अपनी दैनिक खाने की आदतों में हार्टफुलनेस के सिद्धांतों को किस तरह से शामिल कर सकता हूँ?
अपनी दिनचर्या में इन अभ्यासों को शामिल करने से हम सिर्फ़ वज़न कम करने की ओर ही नहीं बढ़ते बल्कि हमारा अपने भोजन, शरीर और अंततः अपने आंतरिक ‘स्व’ के साथ एक गहरा संबंध बन जाता है। पतंजलि की शिक्षाओं से और हार्टफुलनेस के सिद्धांतों से प्रेरित इस सजगतापूर्वक भोजन करने के तरीके से हम बेहतर स्वास्थ्य और अधिक सामंजस्यपूर्ण जीवन प्राप्त करने की ओर बढ़ते हैं।

जेसन नटिंग
जेसन एक व्यायाम एवं पोषण विशेषज्ञ हैं। इनके कार्य की शुरुआत अमेरिका की वायुसेना से हुई थी और बाद में वे एक प्रमाणित कोच बन गए जिसके तहत उन्होंने मोटापा कम करने, कार्य-प्रदर्शन एवं प... और पढ़ें