लिन मेक्टैगर्ट चेतना के नवविज्ञान के क्षेत्र में प्रमुख विद्वानों में से एक हैं। वे सात पुस्तकों की पुरस्कृत लेखिका भी हैं जिनमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत लोकप्रिय पुस्तकें, ‘द इंटेंशन एक्सपेरिमेंट’, ‘द फ़ील्ड’, ‘द बॉन्ड’ और ‘द पॉवर ऑफ़ एट’, सम्मिलित हैं। पूर्णिमा रामकृष्णन यहाँ लिन का साक्षात्कार ले रही हैं जिसकी विषयवस्तु संकल्प की रूपांतरकारी शक्ति, सामूहिक संकल्प का गहन प्रभाव और लोगों की अपने जीवन और संसार में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने की संभावनाओं पर उनके विचार है।
प्र. - लिन, आपका स्वागत है। आपको चेतना और उपचार में संकल्प के विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी कार्य के लिए जाना जाता है। आपने ‘संकल्प के पीछे के विज्ञान के विषय का बहुत गहनता से अध्ययन किया है। क्या आप हमें बता सकती हैं कि आपके अनुसार संकल्प की शक्ति क्या है?
ठीक है! सबसे पहले तो यह समझना महत्वपूर्ण है कि हमारे विचार हमारे मस्तिष्क में बंद नहीं रहते। वे मस्तिष्क में आपसे पूछकर नहीं आते और वे इसकी सीमा से बाहर दूसरे लोगों और चीज़ों को प्रभावित कर सकते हैं। हमने एक कोशिकीय जीवों से लेकर मनुष्यों तक हर जीव पर किए गए अनगिनत अध्ययनों में ऐसा पाया है। मैंने अपने स्वयं के अध्ययन में यह पाया है कि हम पौधों की तीव्रतर वृद्धि, जल के शुद्धिकरण, युद्धग्रस्त व हिंसक क्षेत्रों में हिंसा में कमी लाने जैसे सभी कार्यों को प्रभावित कर सकते हैं। यहाँ तक कि हम किसी दुर्घटना के परिणामस्वरूप पैदा होने वाले मानसिक तनाव से भी लोगों को राहत दिला सकते हैं। ऐसा मैंने छोटे और बड़े दोनों ही तरह के समूहों में देखा है। वास्तव में, विचार ऊर्जा ही हैं, ठीक उसी तरह जैसे शरीर में दूसरी हर चीज़ विभिन्न प्रकार की ऊर्जाओं और ऊर्जा क्षेत्रों का संग्रह है। ये विचार शरीर के बाहर जाकर भी चीज़ों को प्रभावित कर सकते हैं।
संकल्प को मैं एक केंद्रित विचार की तरह देखती हूँ। आपके और मेरे मन में एक दिन में लगभग अस्सी हज़ार विचार आते हैं जिनमें से अधिकतर दिशाहीन और नकारात्मक होते हैं। अक्सर वे हमारे जीवन को खोखला कर देते हैं क्योंकि हम वांछित परिणाम के लिए संकल्प लेने के बजाय नकारात्मक परिणामों पर केंद्रित रहते हैं।
इसलिए मैं संकल्प को सदैव ब्रह्मांड को किए जाने वाले विशिष्ट और सम्माननीय निवेदन के रूप में सिखाती हूँ। और मैंने यह पाया है कि छोटे और बड़े समूहों में इसकी ताकत बढ़ जाती है।
प्र. - क्या आपको अपने संकल्प से जुड़े प्रयोगों में कभी कोई आश्चर्यजनक परिणाम मिले? क्या कोई ऐसे मार्मिक क्षण अथवा प्रकटीकरण हुए जब आपको रुककर सोचने के लिए विवश होना पड़ा? आपके संकल्प प्रयोगों को लेकर आपकी उम्मीदों को किस बात ने परिभाषित या पुनर्परिभाषित किया है?
मुझे लगता है कि शांति संकल्प के कई प्रयोगों ने मुझे बहुत आश्चर्यचकित किया। जब हमने इन्हें वर्ष 2007 में शुरू किया था तब मुझे विश्वास नहीं था कि ये संकल्प काम करेंगे। हमने सरल चीज़ों से शुरू किया जैसे पत्तों से उत्सर्जित होने वाले प्रकाश को प्रभावित करने का प्रयास करना। उसके बाद हमने बीजों पर प्रयोग किया और उन्हें शीघ्र बढ़ाने की कोशिश की। फिर हमने जल पर प्रयोग किए और जल के शुद्धिकरण का प्रयास किया और उसके बाद कुछ क्षेत्रों में हिंसा को कम करने की भी कोशिश की।
वास्तव में, विचार ऊर्जा ही हैं, ठीक उसी तरह जैसे शरीर में दूसरी हर चीज़ विभिन्न प्रकार की ऊर्जाओं और ऊर्जा क्षेत्रों का संग्रह है। ये विचार शरीर के बाहर जाकर भी चीज़ों को प्रभावित कर सकते हैं।
मेरा पहला आश्चर्यजनक अनुभव था, बीजों पर प्रयोग। मैंने बीजों पर अपना सबसे पहला प्रयोग वर्ष 2007 में किया जब मैं ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में श्रोताओं के सम्मुख वार्ता दे रही थी। मैंने कैलिफ़ोर्निया विश्व विद्यालय के जाने-माने मनोवैज्ञानिक डॉक्टर गैरी श्वार्ज़ के साथ काम किया। उनके पास चेतना और मानव विकास पर प्रयोग के लिए एक विशेष प्रयोगशाला है। उन्होंने तीस-तीस बीजों के चार सेट बनाए और अपनी टीम को उनके फ़ोटो खींचकर मुझे भेजने के लिए कहा। मैंने अपने श्रोताओं को वे चित्र दिखाए और उन बीजों के चार सेट में से एक की तीव्र वृद्धि के लिए अपने संकल्प भेजने के लिए कहा और इस तरह हमने सेट ‘ए’ के बीजों को दस मिनट के लिए शीघ्र वृद्धि का संकल्प प्रेषित किया। अपना काम कर लेने के बाद हमने डॉक्टर श्वार्ज़ को कहा कि हमारा काम हो गया है लेकिन यह नहीं बताया कि हमने किस सेट के बीजों के लिए संकल्प भेजा है। यह उनके लिए एक संकेत था कि वे उन बीजों को बो दें।
पाँच दिन बाद उन सभी बीजों के अंकुरों को मापा गया। जब वे माप चुके तब मैंने बताया कि किस सेट के बीजों के लिए संकल्प भेजा गया था। और सब यह देखकर भौचक्के रह गए कि जिन बीजों के लिए संकल्प लिया गया था उनके अंकुर सबसे अधिक लंबे थे।
हमने यह प्रयोग अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग श्रोताओं के साथ पाँच बार और किया और हर बार यही पाया गया कि संकल्प वाले बीजों के पौधे अन्य की तुलना में सबसे अधिक लंबे थे। लेकिन इसमें दिलचस्प बात यह थी कि मैं अपने श्रोताओं के साथ सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में थी जबकि वे बीज 8000 मील दूर टूसॉन, एरिज़ोना में थे। इसके अतिरिक्त हम बीजों को सीधे संकल्प नहीं भेज रहे थे बल्कि उनके चित्र को भेज रहे थे जो उन बीजों का केवल प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व कर रहा था। इस प्रकार मैंने जल्दी ही यह समझ लिया था कि जब हम किसी ऐसे समूह में कोई संकल्प लेते हैं जो विश्वभर में फैला हुआ है तब हम निश्चित ही एक मानसिक जाल बनाते हैं। मैंने संकल्प संबंधी अन्य प्रयोगों में बार-बार ऐसा होते देखा है।
एक और प्रयोग जो बहुत ही आश्चर्यजनक था, वह श्रीलंका शांति संकल्प से संबंधित था। इसे हमने वर्ष 2008 में किया था जब वहाँ 25 वर्ष का गृह युद्ध चल रहा था। हमने विश्व भर के 15 हज़ार लोगों के साथ आठ दिन तक दस मिनिट के लिए शांति संकल्प किया। उस सप्ताह हिंसा कम होने के बजाय बढ़ गई जिससे मुझे बहुत हैरानी हुई। हमारे पास एक सांख्यिकी के प्रोफ़ेसर थे जो इनके आँकड़ों का विश्लेषण करते थे। लेकिन बाद में इनमें अचानक गिरावट आ गई। लेकिन एक और रोचक घटना हुई। उस सप्ताह श्रीलंका सरकार ने कुछ निर्णायक लड़ाईयाँ जीत लीं जिससे गृह युद्ध का रुख ही पलट गया। कुछ समय तक दोनों पक्षों के बीच युद्ध का कोई हल नहीं निकल रहा था। फिर कुछ महीनों में ही सरकार ने उस उत्तरी प्रांत के कब्ज़े को वापस पा लिया जो विद्रोहियों के कब्ज़े में था। और कुछ महीनों के बाद 25 वर्षों से जारी दुःसाध्य युद्ध का अंत हो गया।
अब क्या यह हमने किया? खैर, यह पता चला कि हमारे संकल्प सप्ताह के दौरान महत्वपूर्ण लड़ाइयाँ लड़ी गईं और इससे हमें असाधारण आश्चर्य हुआ। जब आप इस तरह का इकलौता प्रयोग करते हैं तो इसका कोई अर्थ नहीं होता। किसी भी युद्ध में कई घटक होते हैं। लेकिन जब आप ऐसे प्रयोग करते रहते हैं और आपको परिणाम मिलते जाते हैं जैसा कि हमारे शांति संकल्प के प्रयोगों के साथ हुआ, यह सब रोचक लगने लगता है।
उदाहरण के लिए, वर्ष 2017 में हमने सेंट लुईस, मिज़ूरी में हिंसा में कमी लाने के लिए यह प्रयोग किया जो आधिकारिक रूप से अमेरिका में सबसे अधिक हिंसा वाली जगह है। इसके लिए हमने एक मोहल्ला चुना जिसे फ़ेयरग्राउंड कहा जाता है और यह वहाँ के सबसे अधिक हिंसक क्षेत्रों में से है। इसके लिए हमारे पास पुलिस से प्राप्त बिलकुल सटीक आँकड़े थे। मैंने एक बार फिर से कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय की डॉक्टर जेसिका अट्ज़ से आँकड़ों के विश्लेषण में सहायता ली। उन्होंने उस स्थान के हमारे प्रयोग से कई वर्ष पहले के और प्रयोग के छह महीने बाद तक के आँकड़ों का विश्लेषण किया ताकि हमारे संकल्प प्रयोग के प्रभाव का अध्ययन किया जा सके। उन्होंने पाया कि सेंट लुईस के सभी स्थानों पर हिंसा बढ़ रही थी। और हमारे संकल्प प्रयोग के बाद फ़ेयरग्राउंड के अतिरिक्त बाकी सभी स्थानों पर हिंसा बढ़ रही थी। केवल उसी जगह हिंसा में 43% की कमी पाई गई थी। इस तरह का परिणाम बार-बार आया है।
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मैं संकल्प को सदैव ब्रह्मांड को किए जाने वाले विशिष्ट और सम्माननीय निवेदन के रूप में सिखाती हूँ। और मैंने यह पाया है कि छोटे और बड़े समूहों में इसकी ताकत बढ़ जाती है।
शायद जिस संकल्प प्रयोग ने मुझे सबसे अधिक चकित किया वह मैंने उसी वर्ष 2017 के अंत में आठ अरबी शहरों के लोगों और बहुत से इज़राइली यहूदी दर्शकों के साथ किया था। मेरे पास विशेष उपकरण थे जिनसे हम उन आठ अरबी शहरों में अलग-अलग जगहों पर कैमरे लगवा सके। प्रत्येक अरबी शहर में हमारे दर्शकगण मौजूद थे और नौवाँ कैमरा हमने इज़राइली यहूदी दर्शकों के पास लगवाया। हमने उन सभी को येरुशलम में हिंसा कम होने का संकल्प लेने के लिए कहा जो उस समय बहुत अधिक हिंसा से ग्रस्त था।
पहले मैं ही उन सबके बीच मध्यस्थ थी क्योंकि उन समूहों में से कोई एक-दूसरे से बात नहीं करता था। उनकी बातचीत शुरू हो पाई क्योंकि मैं अलग-अलग जगहों पर स्थित उन सभी से बात करती थी। वे पहले मुझसे बात करते थे फिर वे अलग-अलग जगहों पर स्थित अन्य लोगों से बात करते थे। वे एक-दूसरे को प्रेम के संदेश भेजने लगे और कहने लगे, “तुम्हारा ईश्वर मेरा भी ईश्वर है।” दोनों ओर के लोगों के सुंदर दृष्टिकोण एक-दूसरे तक पहुँचने लगे। वह प्रेम का एक बड़ा उत्सव था। मैंने पाया कि हर बार जब मैं विपरीत पक्षों वाले और परस्पर घृणा करने वाले शत्रुओं को एकसाथ रखकर संकल्प लेती थी तब संकल्प के प्रयोग के बाद वे एक-दूसरे के करीब आते प्रतीत हुए।
वर्ष 2008 से अब तक मैंने 41 संकल्प प्रयोग किए हैं। उनमें से 37 में मुझे मापने योग्य और महत्वपूर्ण सकारात्मक परिणाम मिले हैं। मैंने उनमें शामिल लोगों का सर्वेक्षण भी किया और उनमें से 40 प्रतिशत लोगों ने अपने जीवन में अधिक शांति महसूस की। उनके विलग हुए जीवनसाथी, माता-पिता या बच्चों के साथ परस्पर संबंध बेहतर हो गए हैं। उनके अपने मालिकों और सहयोगियों के साथ भी बेहतर सबंध बने हैं। वे सभी के लिए पहले की तुलना में अधिक प्रेम महसूस करने लगे हैं और लगभग 50% लोग समय-समय पर बताते रहते हैं कि वे जिससे भी मिलते हैं, उसके प्रति पहले की तुलना में अधिक प्रेम महसूस करते हैं।
वास्तव में, वे अजनबियों को भी गले लगाते हैं और उनका जीवन अधिक शांतिपूर्ण हो रहा है। इसके अतिरिक्त लगभग एक-तिहाई लोगों ने अपने स्वास्थ्य में सुधार होने या रोगमुक्त होने के बारे में बताया है। इस तरह इन संकल्पों का सबसे बड़ा असर और चकित करने वाला प्रभाव है दर्पण प्रभाव - जितनी राहत उनको मिलती है जिनके लिए संकल्प लिया जाता है उतनी ही राहत संकल्प लेने वाले को भी मिलती है।
प्र. - आपके बीज वाले प्रयोग ने मुझे चकित कर दिया। वैज्ञानिक समुदाय ने इसे किस तरह स्वीकार किया या उन्हें बताने में आपके सामने क्या चुनौतियाँ आईं?
मेरी रुचि वैज्ञानिक समुदाय में नहीं है क्योंकि वे इसे स्वीकार नहीं करने वाले। वैज्ञानिकों को अन्वेषक होना चाहिए लेकिन उनमें से बहुत थोड़े ही वास्तव में अन्वेषक बन पाते हैं। इसके कई कारण हैं। विश्वविद्यालयों में यदि कोई स्वीकृत प्रतिमानों से अलग जाता है तो उसे अपना पद खोना पड़ता है। इसलिए मुझे वैज्ञानिकों की सहमति पाने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे कई वैज्ञानिक हैं जो सच्चे अन्वेषक हैं और मेरे कार्य से प्रभावित हैं और उन्होंने मुझे इस कार्य को मापने में मेरी मदद भी की है।
मैं प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के लोगों के साथ संकल्प आधारित प्रयोग चलाती हूँ, जैसे प्रिंसटन, पेन स्टेट, युनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया, युनिवर्सिटी ऑफ़ एरिज़ोना और यूरोप के अन्य विश्वविद्यालयों में। मैं ऐसे लोग चुनती हूँ जो इस उत्तम अन्वेषण कार्य के लिए पर्याप्त उदार मानसिकता रखते हैं।
ऐसे कई संदेहवादी संस्थान हैं जो मेरे कार्य की आलोचना करते हैं लेकिन वे सारहीन तरीकों से आक्षेप लगाते हैं। मेरी पुस्तक ‘द फ़ील्ड’ में 400 से भी अधिक ठोस वैज्ञानिक संदर्भ हैं। मैंने प्रमुख भौतिकविदों, जैव वैज्ञानिकों आदि के बहुत सारे साक्षात्कार लिए हैं और पुस्तक के सभी तथ्यों की उनसे जाँच भी करवाई है ताकि मैं सुनिश्चित कर सकूँ कि मैंने जो लिखा है वह सब सही है। संदेहवादी कहते हैं कि इस पुस्तक का आधार ‘स्टारवार्स’ जैसा है, जो बिलकुल गलत है। वे लोग संकीर्ण मानसिकता के अज्ञानी लोग हैं।
इसलिए मेरी रुचि उनमें नहीं है। मेरी रुचि यह जानकारी लोगों तक पहुँचाने में है ताकि वे जान सकें कि हममें असाधारण क्षमताएँ हैं जिनका प्रकट होना बाकी है और पारंपरिक विज्ञान में जो कहा जाता है, वास्तव में हम उससे बहुत अलग हैं।
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पारंपरिक विज्ञान केवल तीन सौ से कुछ अधिक वर्ष पुराना है। विभिन्न विश्वविद्यालयों में, यहाँ-वहाँ छोटे-छोटे शैक्षणिक समुदायों में नए अध्ययन और खोजें की जा रही हैं जो अपने और दुनिया के बारे में हमारी सोच को पूरी तरह से बदलने वाली हैं। हमें जितना बताया गया है, हम उससे कहीं अधिक महान हैं!
इस तरह इन संकल्पों का सबसे बड़ा असर और चकित करने वाला प्रभाव है दर्पण प्रभाव - जितनी राहत उनको मिलती है जिनके लिए संकल्प लिया जाता है, उतनी ही राहत संकल्प लेने वाले को भी मिलती है।
प्र. - आपके स्पष्ट उत्तर के लिए धन्यवाद। कोई भी जो आपके कार्य से प्रभावित है, जो उसके बारे में जानने के लिए उत्सुक है और जो संकल्प की शक्ति को अपने जीवन में लागू करना चाहता है, वह इसे किस प्रकार शुरू कर सकता है?
वे मेरे समुदाय और मेरी वेबसाइट से जुड़ सकते हैं। जब वे जुड़ते हैं तब उन्हें संकल्प लेने और समूह बनाने के ढंग की जानकारी और कुछ मौलिक साधन दिए जाते हैं। वे मेरी पुस्तकें भी पढ़ सकते हैं। ‘द पॉवर ऑफ़ एट’ इस विषय पर अभी तक की अंतिम पुस्तक है जिसमें सामूहिक संकल्प कैसे लें, इस पर आधारभूत जानकारी दी गई है। जो लोग सचमुच अधिक जानना चाहते हैं उनके लिए मेरे पास बुनियादी पाठ्यक्रम की एक पूरी श्रृंखला है।
हमारी एक वर्ष की मास्टर क्लास भी है जो सबसे प्रमुख पाठ्यक्रम है। इसमें मैं स्वयं एक वर्ष तक लोगों के साथ आमने-सामने बात करके काम करती हूँ। छह सप्ताह के बाद प्रतिभागी समूह में काम करना शुरू कर सकते हैं। हर समूह के लोग सप्ताह में एक बार मिलते हैं। मेरे निर्देश पर वे संबंधों के लिए, स्वास्थ्य व उपचार के लिए, वित्त प्रबंधन व जीविका के लिए तथा जीवन के उद्देश्य के लिए संकल्प का उपयोग करते हैं। इसके लिए विशिष्ट जानकारी और निर्देश हैं और मैं पूरे वर्ष उनको प्रशिक्षित करती हूँ।
इस तरह अलग-अलग मूल्य पर अलग-अलग कार्यक्रम हैं जिनमें कुछ नि:शुल्क भी हैं। और हर संकल्प प्रयोग नि:शुल्क है। मुझे लगता है कि हर कोई इसमें भाग ले सकता है।
हाल ही में ‘गाइया’ ने बड़े और छोटे समूहों के साथ मेरे कार्यों, ‘द पॉवर ऑफ़ एट’ और ‘संकल्प प्रयोग’ के बारे में एक वृत्तचित्र यानी डॉक्यूमेंट्री जारी की है। उन्होंने मेरे साथ काम करने वाले विभिन्न वैज्ञानिकों और उन लोगों के, जिन्हें ‘पॉवर ऑफ़ एट’ के प्रयोगों से असाधारण स्वास्थकारी लाभ मिले हैं, साक्षात्कार लिए हैं। इसका समापन 1 फ़रवरी 2025 में एक संकल्प के साथ होगा। बोल्डर, कोलोरैडो में गाइया के मुख्यालय में मेरे सामने श्रोतागण भी होंगे और इसका सीधा प्रसारण पूरी दुनिया में भी किया जाएगा।
यह एक आमंत्रण है। इसलिए कोई भी इसमें भाग ले सकता है और इसके लिए https://lynnemctaggart.com पर जाएँ जहाँ इसके लिए आवश्यक निर्देश उपलब्ध हैं।
मैं वास्तव में इसकी प्रतीक्षा करूँगी।
अगले अंक में जारी…...