एलिज़ाबेथ डेनली ने पीयरे रेवन का उनके नए ब्रैंड ‘इटरनल जर्नीके लोकार्पण पर साक्षात्कार लिया। इस ब्रैंड की शुरुआत तीन उत्कृष्ट इत्रों से की गई है जिन्हें इसी उद्देश्य से बनाया गया है कि दिन की प्राकृतिक लय के साथ आपका सामंजस्य बना रहे।

प्रश्न - नमस्ते पीयरे। हमें अपने नए इत्रों के बारे में कुछ बताइए।

धन्यवाद। यह एक ब्रैंड है जिसका नाम है, ‘इटरनल जर्नी यानी अंतहीन यात्रा जो मेरे आध्यात्मिक पथ से प्रेरित है। मैं यह मानता हूँ कि जीवन ही जीवन को जन्म देता है और यह एक अनंत यात्रा है। 

जब हमने इस ब्रैंड को बनाया था तब हम चाहते थे की हम अलग-अलग उत्पाद बनाएँ और हमने इसकी शुरुआत इत्र से की। मेरी संगीत और सुख-समृद्धि की पृष्ठभूमि होने के कारण मैं कुछ ऐसा बनाना चाहता था जो दिन के पूरे 24 घंटे साथ रहे। यह हमारी अनंत यात्रा के चक्र से भी संबंधित है।

जब इन तीन इत्रों का संकलन बनाया गया तब हम चाहते थे कि हम ऐसी भावनाओं को जगाएँ जो सुबह उठने के समय से लेकर दोपहर, पूरी रात भर और फिर दूसरे दिन सुबह उठने तक हमारे मन में बनी रहें। यात्रा कभी समाप्त नहीं होती। 

मैं ‘त्रयी के सिद्धांत को मानता हूँ, इसलिए पहला इत्र ‘सनराइज़ टू सनसेट (सूर्योदय से सूर्यास्त तक) है, दूसरा ‘सनसेट टू मिडनाइट (सूर्यास्त से मध्य रात्री तक) है और तीसरा ‘मिडनाइट टू सनराइज़ (मध्य रात्रि से सूर्योदय तक) है। इस तरह से इन तीनों के साथ हमने चौबीस घंटों के चक्र को पूरा किया।

जब हम किसी इत्र का इस्तेमाल करते हैं तो हम चाहते हैं की वह दिन के उस समय के साथ मेल खाए। वैज्ञानिक रूप से भी हम यह जानते हैं कि जब हम जागते हैं और जब रात दिन में बदलती है तब हम बाएँ नासिका छिद्र की बजाय दाएँ नासिका छिद्र से श्वास लेने लगते हैं। पहला इत्र, सनराइज़ टू सनसेट को हमने इस तरह से बनाया है कि वह इस परिवर्तन को सक्रिय व सुगम बनाए। इस गंध परिवार में दो बहुत ही ज़रूरी सामग्रियाँ हैं - संतरे के पुष्प से निकला तेल और कड़वे संतरे के फूल और पत्तियों का तेल। ये दोनों एकसाथ मिलकर ध्यानस्थ भाव को बनाए रखते हुए रात से दिन के परिवर्तन को सुगम बना देते हैं।

सुबह के वक्त चाहे आप योग करें, अपने कुत्ते को घुमाने ले जाएँ या जंगल में मशरूम चुनने जाएँ - जो भी आपका सुबह का नित्यकर्म हो, आप इस इत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं। दिन के उस समय आपको किसी तीक्ष्ण इत्र की ज़रूरत नहीं होती है; वह न सिर्फ़ आपकी अंदरूनी हालत को बिगाड़ेगा बल्कि औरों को भी परेशान करेगा।

बाद में जब आप घर वापस आकर नहाओगे तब आपको सक्रियता की ज़रूरत होगी। इसलिए दूसरा इत्र जो हमने बनाया वह है ‘सनसेट टू मिडनाइट। यह आपके ध्यानस्थ भाव को बनाए रखते हुए भी तीक्ष्ण और कामुक है। इसमें प्रमुख सामग्रियाँ हैं लोबान और गंधरस। 

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कहीं गिरजाघर में होने की भावना न जागे, इसके लिए हमने इसमें ईरान से आया केसर, थोड़ा खस-खस, थोड़ी सुगंधरा और मिठास के लिए थोड़ा सा मार्शमेलो मिलाया है। यह मिश्रण दिन की क्रियाओं के अनुरूप आध्यात्मिक भाव, ताज़गी, कामुकता व गर्माहट देता है।

तीसरा इत्र ‘मिडनाइट टू सनराइज़ रात के समय के लिए है। रात को बाहर खाना खाने के लिए या ओपेरा के लिए या फिर किसी पार्टी में जाते समय इसे लगा सकते हैं। यह मौजूदगी का एहसास कराने के लिए बनाया गया है। इसमें बहुत से ऐसे मसाले हैं जिनकी महक मंद, कोमल और कुछ-कुछ लकड़ी जैसी है - जैसे कश्मीरी मिर्च, ऑस्ट्रेलिया से आया उच्च गुणवत्ता वाला चंदन, काली मिर्च और वियतनाम से मंगाया बेहतरीन ऊद। यह मिश्रण इस तरह बनाया गया है कि करीब 20 मिनट बाद ऊद की खुशबू आनी शुरू हो। इस तरह से इसमें तीखी सुगंध का प्रभाव बहुत ज़्यादा नहीं रहेगा।

हमने ये तीनों इत्र कुछ इस तरह से बनाए हैं कि ये तीनों एक-दूसरे से अच्छी तरह मेल खाते हैं और चौबीस घंटे अच्छा माहौल बना रहता है और विकास होता रहता है। यही हमारा उद्देश्य था।


(आध्यात्मिकता क्या है? इसका मतलब है आध्यात्मिकता क्या है? इसका मतलब है हर चीज़ को दिल से करना। तब आप अपने आंतरिक 'स्व' से जुड़े रहते हैं और उसी के माध्यम से आप अपनी ज़िंदगी जीते हैं। अब ऐश्वर्य क्या है? मुझे ऐसा लगता है की ऐश्वर्य एक नायाब और बेशकीमती चीज़ होती है। कल्पना करें, अगर आप अपने हृदय से कोई ऐश्वर्य से संबंधित चीज़ बनाते हैं, तो वह न सिर्फ़ एक सुसंगत अपितु एक शाश्वत वस्तु होगी। )


प्रश्न - पीयरे, लोग इन इत्रों को कहाँ खरीद सकते हैं?

भारत में हम इसे ‘बैकरोज़ कंपनी के ‘पार्कोस दुकानों के ज़रिए बेचने वाले हैं। हमने देश भर में 50 दुकानों को चुना है जो

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 इस ब्रैंड को बेचेंगी और वहाँ के कर्मी इसके बारे में लोगों को बताएँगे भी।

वे क्या बताएँगे? वे बताएँगे कि यह एक संगम है ऐश्वर्य, आध्यात्मिकता, मनोरंजन और स्वास्थ्य का। हमने इन सभी तत्वों को अपने इत्रों में सम्मिलित किया है। आप विवरण को इनकी पैकेजिंग में भी देखेंगे जिसमें हमने काँच और कीटनाशक रहित लकड़ी का इस्तेमाल किया है।

इटरनल जर्नीलिंग निरपेक्ष उत्पाद है। हमने किसी भी लिंग को ध्यान में रखते हुए इन इत्रों को नहीं बनाया है, इसलिए इन्हें स्त्री और पुरुष दोनों ही इस्तेमाल कर सकते हैं। ये हमारे भीतर सभी तरह की भावनाओं को जागृत करते हैं।

प्रश्न - कुछ लोग कहेंगे कि आध्यात्मिकता और ऐश्वर्य दोनों साथ-साथ नहीं रहते। इस बारे में आपका क्या कहना है?

व्यक्तिगत तौर पर मैं इन्हें अलग-अलग नहीं मानता। ऐश्वर्य में आध्यात्मिकता को और आध्यात्मिकता में ऐश्वर्य को सम्मिलित किया जा सकता है। आध्यात्मिकता क्या है? इसका मतलब है हर चीज़ को दिल से करना। तब आप अपने आंतरिक ‘स्व से जुड़े रहते हैं और उसी के माध्यम से आप अपनी ज़िंदगी जीते हैं। अब ऐश्वर्य क्या है? मुझे ऐसा लगता है की ऐश्वर्य एक नायाब और बेशकीमती चीज़ होती है। कल्पना करें, अगर आप अपने हृदय से कोई ऐश्वर्य से संबंधित चीज़ बनाते हैं, तो वह न सिर्फ़ एक सुसंगत अपितु एक शाश्वत वस्तु होगी। इसलिए जो लोग इस इत्र का इस्तेमाल करेंगे वे इसकी गहनता से अवश्य प्रभावित होंगे। 

साथ ही, मेरे संगीत की पृष्ठभूमि के कारण मैं यह भी जनता हूँ की ध्वनि और स्पंदन भी प्रभाव डालते हैं। एक ऐसे इत्र की कल्पना करें जिसे आप सूँघते हुए सुन भी सकते हों। संगीत ही की तरह, हमारी स्मरणशक्ति और पुरानी यादों में हमारी सूंघने की शक्ति की भी बहुत बड़ी भूमिका होती है। यदि हम इन दोनों को मिला देते हैं तो हमारी यात्रा पूरी हो जाती है।

धन्यवाद पीयरे। आपके इत्र के लोकार्पण पर हमारी शुभकामनाएँ। 

धन्यवाद एलिज़ाबेथ।

फ़ोटोग्राफ़ी - रेसमस मोगेनसन


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एलिज़ाबेथ डेनली

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