घरप्रेरणाशांति के लिए प्रेममय अंतरात्मा

सोफ़िया स्ट्रिल-रेवर संयुक्त राष्ट्र में अप्रैल, 2024 को मनाए गए 'शांति के लिए प्रेममय अंतरात्माके अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर कान्हा शांतिवनम् में हुए महोत्सव के अपने अनुभव बताती हैं। 

उनकी पुकार है कि पृथ्वी ग्रह को प्रेम के ग्रह में बदल दिया जाए।

 

प्रिय मित्रों, सभी को हार्दिक अभिवादन।

क्या आप मेरी बात पर विश्वास करेंगे यदि मैं आपको बताऊँ कि मैं दूसरे ग्रह से आ रही हूँ? जैसा कि आप जानते हैं, हमारे विचार हमारी वास्तविकता बनाते हैं, इसलिए अपनी
अलग-अलग मानसिकता के अनुसार हम एक ही विश्व के अंदर अलग-अलग दुनियाओं में बसते हैं। कुछ हफ़्ते पहले मुझे भारत सरकार द्वारा हैदराबाद के पास हार्टफुलनेस के वैश्विक मुख्यालय में आयोजित आध्यात्मिक नेताओं की एक सभा में आमंत्रित किया गया था जहाँ 75,000 प्रतिभागी एक साथ एकत्रित हुए थे। वहाँ मैं प्रेम के संसार में पहुँच गई थी।

वहाँ हर जगह सकारात्मक ऊर्जा, नवाचार और रचनात्मकता व्याप्त थी। मैं ऐसे समुदाय के बीच थी जिसमें दूरदर्शी और काम करने वाले लोग हैं जो मिलकर भविष्य को आकार दे रहे हैं। और वहाँ की सबसे अच्छी बात जानते हैं क्या थी? प्रेम के साथ काम करते हुए ऊँचाई तक पहुँचने के लिए प्रेरित महसूस करना।

प्रेम का संसार कोई सपनों की दुनिया नहीं है। मुझे व्यक्तिगत रूप से प्रेम की वैश्विक हस्तियों को जानने का सौभाग्य प्राप्त है और मैं कह सकती हूँ कि वे सबसे यथार्थवादी और व्यावहारिक लोग हैं। क्यों? क्योंकि वे प्रेम की मौलिक व महत्वपूर्ण वास्तविकता से जुड़े हुए हैं। मैंने इसका अनुभव जीवन के आरंभ में, 17 वर्ष की आयु में, किया था जब मैं एक आधुनिक संत, सिस्टर इमैनुएल, के साथ काहिरा की झुग्गी झोपड़ियों की बस्ती में रही थी।

वहाँ मैंने स्वयं देखा कि प्रेम की शक्ति ने 40,000 लोगों के जीवन को पूरी तरह से बदल दिया और उनकी बस्ती को एक सौहार्दपूर्ण इलाके में बदल दिया। बस्ती की लड़कियों की नई पीढ़ी डॉक्टर, इंजीनियर, वकील आदि बनने लगी। कल्पना करें कि यदि यहाँ हम सभी सिस्टर इमैनुएल की तरह होते तो कितना अच्छा होता। कल्पना करें कि यदि संयुक्त राष्ट्र के इन भवनों में काम करने वाले हज़ारों विशेषज्ञ और राजनयिक ‘गाँधीजी के जंतर’ और सबसे कमज़ोर लोगों के जीवन को ऊपर उठाने की प्रतिबद्धता के साथ अपने दैनिक सत्रों की शुरुआत करते तो कितना अच्छा होता। पूरी पृथ्वी प्रेम का ग्रह बन जाती।

हम इसे साकार कर सकते हैं। वैश्विक नेतृत्व के स्तर पर विवेक और प्रेम को ऊँचा उठाकर हम आमूल परिवर्तन ला सकते हैं और जीवन में अल्पकालिक लाभ प्राप्त करने पर आधारित अपनी सभ्यता को प्रेम और देखभाल की भावना पर आधारित सभ्यता में बदल सकते हैं।

ऐतिहासिक रूप से, वर्ष 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा को अपनाया जाना वैश्विक मानवीय अंतरात्मा के उदय का प्रतीक है। कुछ लोगों ने मुझसे कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय अंतरात्मा दिवस के बारे में बात करना एक गलती है। इसे अंतर्राष्ट्रीय चेतना दिवस होना चाहिए, इसलिए चेतना और अंतरात्मा के अर्थों पर पुनः विचार करना उपयोगी हो सकता है।


वैश्विक नेतृत्व के स्तर पर विवेक और प्रेम को ऊँचा उठाकर हम आमूल परिवर्तन ला सकते हैं और जीवन में अल्पकालिक लाभ प्राप्त करने पर आधारित अपनी सभ्यता को प्रेम और देखभाल की भावना पर आधारित सभ्यता में बदल सकते हैं।


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चेतना का संबंध उन संज्ञानात्मक और प्रतिवर्ती प्रक्रियाओं से है जो भाषा, अवधारणाओं, प्रतीकों और अहंकार के मूल में होती हैं। अंतरात्मा का उल्लेख वर्ष 1948 के सार्वभौमिक घोषणापत्र के अनुच्छेद 1 में किया गया है। यह हमारी नैतिकता की कुदरती भावना है जिसने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद एक ऐसी दुनिया में, जिसने अपनी अंतरात्मा को धोखा दिया था, मानवाधिकारों की नींव के रूप में काम किया। लेकिन 75 साल से अधिक समय बाद भी दुनिया अपनी अंतरात्मा के साथ विश्वासघात कर रही है। व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर इसका कारण है कि हम अपनी अंतरात्मा के दूसरों की देखभाल करने के अपने मूल स्वभाव से दूर हो गए हैं। इस स्वभाव को आधुनिक मनोविज्ञान समाजानुकूल व्यवहार कहता है। इसके परिणामस्वरूप, अंतरात्मा युद्ध के अत्याचारों, सामाजिक और आर्थिक अन्याय को सामान्य बना देती है।


प्रेम-शक्ति को सीखा जा सकता है। मैं लोगों को ‘प्रेम बनो’ प्रोटोकॉल के तहत इसका अनुभव करने के लिए मार्गदर्शित करती हूँ। यह प्रोटोकॉल पारंपरिक आंतरिक विज्ञान और सामाजिक एवं भावात्मक तंत्रिका विज्ञान में हाल ही में हुए निष्कर्षों पर आधारित है।


हम कह सकते हैं कि अंतरात्मा और चेतना यांग (चीनी दर्शनशास्त्र का शब्द) यानी पुरुष हैं जो मन की मर्दाना ऊर्जाएँ हैं, जबकि प्रेम और करुणा यिन (चीनी दर्शनशास्त्र का शब्द) यानी प्रकृति हैं जो मन की स्त्री संबंधी ऊर्जाएँ हैं। हमारे पुरुष-प्रधान समाजों में हम यांग मानसिकता विकसित करने के लिए अनुकूलित हैं जो बढ़ते सैन्यवाद और आपराधिक वैश्विक अर्थव्यवस्था को तर्कसंगत बनाती है। इस वैश्विक अर्थव्यवस्था से मानव परिवार के मुश्किल से 20% लोगों को लाभ पहुँचता है और पृथ्वी बर्बाद हो रही है।

यह अंतर्राष्ट्रीय दिवस शांति के लिए अंतरात्मा और प्रेम को मूलभूत रूप में एक साथ लाता हैइसलिए मेरे लिए इसे मनाने की शुरुआत करना अत्यावश्यक था। कुछ साल पहले, जब दुनिया भर में जगह-जगह भीषण आग लगी थी, जिससे पृथ्वी अनगिनत जानवरों और पौधों का कब्रिस्तान बन गई थी, तब मैंने गांधीजी के शब्दों पर चिंतन किया, “दुनिया में जो बदलाव आप देखना चाहते हैं, वह खुद बनें।” तब मुझे एहसास हुआ कि यह आमूल परिवर्तन प्रेम है और मैंने जवाब में कहा, “दुनिया में जो प्रेम आप देखना चाहते हैं, वह खुद बनें।”

प्रेम को आमतौर पर व्यक्तिगत अनुभूतियों और भावनाओं के साथ जोड़ा जाता है। लेकिन प्रेम सामाजिक न्याय और मानव विकास के लिए एक सामूहिक शक्ति भी है। मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने गाँधीजी के विचारों से प्रेरित होकर नागरिक अधिकारों के लिए अपने संघर्ष में इसे बढ़ावा दिया था। उन्होंने भारतीय शब्द सत्याग्रह को अपनाया, जिसका अनुवाद उन्होंने ‘प्रेम करने की ताकत’ के रूप में किया। मैं इसे ‘प्रेम-शक्ति’ कहती हूँ।

प्रेम-शक्ति को सीखा जा सकता है। मैं लोगों को ‘प्रेम बनो’ प्रोटोकॉल के तहत इसका अनुभव करने के लिए मार्गदर्शित करती हूँ। यह प्रोटोकॉल पारंपरिक आंतरिक विज्ञान और सामाजिक एवं भावात्मक तंत्रिका विज्ञान में हाल ही में हुए निष्कर्षों पर आधारित है। हृदय-केंद्रित ध्यान के साथ हम वैश्विक सामूहिक देखभाल की संस्कृति में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। मनुष्य के रूप में हम जीवन की ब्रह्मांडीय ऊर्जाओं को प्रवाहित करने और जीवन-शक्ति को प्रेम-शक्ति में बदलने के लिए पैदा हुए हैं। हम एक-दूसरे की और धरती माँ पर मौजूद सभी जीवित प्राणियों की देखभाल करने के लिए पैदा हुए हैं।

अंत में, मैं सभी को अपने जीवन के हर दिन को शांति के लिए प्रेममय अंतरात्मा का दिन बनाने के लिए आमंत्रित करती हूँ। आइए, हम भविष्य में अंतर्राष्ट्रीय अंतरात्मा दिवस पर इस मशाल को पूर्व से पश्चिम तक, एक के बाद एक समय क्षेत्र में आगे ले जाएँ, समारोह आयोजित करें तथा ऑस्ट्रेलिया से कैलिफ़ोर्निया तक बड़े परदों पर संदेश पहुँचाएँ। आइए, अपने युवा मित्रों के साथ मिलकर पृथ्वी ग्रह को प्रेम के ग्रह में बदलने के लिए एक वैश्विक अंतर-पीढ़ी अभियान की शुरुआत करें। धन्यवाद।


वैश्विक आध्यात्मिकता महोत्सव के दो सप्ताह बाद संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में दी गई वार्ता के अंश। शांति के लिए प्रेममय अंतरात्मा का अंतर्राष्ट्रीय दिवस हर साल 5 अप्रैल को मनाया जाता है।


 


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सोफिया स्ट्रिल-रेवर

सोफिया स्ट्रिल-रेवर

सोफिया एक फ्रांसीसी आध्यात्मिक शिक्षिका, संस्कृत विदुषी, लेखिका, 14वें दलाई लामा की जीवनी लेखिका, परम पूज्य के साथ सह-लेखिका और अनुवादक, तिब्बत की विशेषज्ञ और संस्कृत के कालचक्र की अनुवादक हैं। वे 5 अप्रैल को मनाए गए यूनेस्को के 'शांति क... और पढ़ें

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