घरअपनी देखभालशांति की संस्कृति

संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस की 42वीं वर्षगांठ पर दाजी बताते हैं कि हम अपने जीवनअपने परिवारों और अपने समुदायों में शांति कैसे ला सकते हैं ताकि यह पूरे संसार में प्रसारित हो।

 

प्रिय मित्रों,
अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस की स्थापना वर्ष 1981 में संयुक्त राष्ट्र के सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव द्वारा की गई थी और वर्ष 2001 में संयुक्त राष्ट्र ने 21 सितंबर को 24 घंटे के अहिंसा और युद्ध विराम के दिन के रूप में चुना। 1 यह ब्रिटिश एनजीओ ‘पीस वन डे’ और संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के प्रतिनिधिमंडल के अथक प्रयास से संभव हुआ। इस वर्ष के लिए विषय है ‘शांति की संस्कृति का विकास करना।’

संयुक्त राष्ट्र द्वारा दी गई परिभाषा अनुसार शांति की संस्कृति ऐसे मूल्य, दृष्टिकोण, व्यवहार के तरीके और जीवन जीने के तरीके हैं जो हिंसा का खंडन करते हैं। और यह संस्कृति समस्याओं को हल करने के लिए संघर्षों के मूल कारणों को सुलझा कर उन्हें रोकती है। यह व्यक्तियों, समूहों तथा राष्ट्रों के बीच बातचीत और समझौता वार्ता के माध्यम से संभव होता है।

संयुक्त राष्ट्र शांति की संस्कृति के अनुरूप 6 मूल्य हैं - आध्यात्मिकता, न्याय, करुणा, संवाद, सक्रिय अहिंसा और पृथ्वी के प्रति उत्तरदायित्व/ पृथ्वी के साथ गहरे संबंध की भावना।

इसका अर्थ है कि हमें दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैसा हम चाहते हैं कि वे हमारे साथ करें। यह नैतिक सिद्धांत व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामुदायिक और राष्ट्रीय, सभी स्तरों पर लागू होता है। जब इसका सम्मान किया जाता है तब गरिमा और स्थिरता आती है। जब इसका उल्लंघन होता है तब अस्थिरता उत्पन्न होती है।

क्या हम वैश्विक स्थिति को बदल सकते हैं?

हम इस बात पर सोच सकते हैं कि हम वैश्विक स्तर पर चीज़ों को बदलने के लिए क्या कर सकते हैं। दुनिया में विभिन्न हिंसक संघर्षों को शांत करना एक बड़ी चुनौती और असंभव प्रतीत होने वाला काम है। मुझे वह गीत याद आ रहा है, “लेट देयर बी पीस ऑन अर्थ, एंड लेट इट बिगिन विद मी।” हम अपने जीवन में बदलाव ला सकते हैं। शांति हमारी वास्तविक प्रकृति है। इसलिए जब हम ध्यान के अभ्यास द्वारा अपने अस्तित्व के केंद्र में व्याप्त शांति से जुड़ते हैं और उसे पोषित करते हैं तब यह स्वाभाविक रूप से दूसरों और हमारे पर्यावरण में प्रसारित होगी। जिस इरादे, ध्यान और जागरूकता के साथ हम अपना जीवन जीते हैं, वह हमारे पड़ोसियों, समुदायों, देशों और पूरे संसार पर भी प्रभाव डालेगा।


शांति हमारी वास्तविक प्रकृति है। इसलिए जब हम ध्यान के अभ्यास द्वारा अपने अस्तित्व के केंद्र में व्याप्त शांति से जुड़ते हैं और उसे पोषित करते हैं तब यह स्वाभाविक रूप से दूसरों और हमारे पर्यावरण में प्रसारित होगी।


शांति की नींव कैसे रखें

अध्ययनों से पता चला है कि कई लोग मिलकर एक परिकल्पना बनाकर उसे साकार कर सकते हैं। कल्पना करें कि दुनिया भर के लाखों लोग साथ मिलकर शांति की परिकल्पना कर रहे हैं। इससे दुनिया कितनी अच्छी बन जाएगी।

एक अधिक शांतिपूर्ण दुनिया में योगदान देने के लिए, अपनी दैनिक गतिविधियों के दौरान शांति बनाए रखने के लिए इन तीन संकल्पों का उपयोग करने की कोशिश करें।

ये संकल्प आपको मन की शांति प्राप्त करने में मदद करेंगे और साथ ही आपके परिवार, दोस्तों और समुदायों के बीच सद्भाव पैदा करेंगे। लगभग हर चीज़ विचार से शुरू होती है और एक उद्देश्यपूर्ण विचार ही एक संकल्प है। एक संकल्प की ऊर्जा जब दुनिया में प्रसारित होती है तो उसका दूरगामी प्रभाव होता है। वह एक वास्तविकता बन सकती है।

सबसे पहले, शांति के संकल्पों में से एक को चुनें। फिर, खुद को वर्तमान क्षण में केंद्रित करने के लिए कुछ पल लें। चुने हुए संकल्प के बारे में सोचें, उसके अर्थ से जुड़ें और कल्पना करें कि उसका प्रभाव आपके आसपास के सभी लोगों और हर चीज़ पर हो रहा है। सबसे महत्वपूर्ण है - इसमें अपना दिल लगाएँ।


संकल्प 1

दुनिया के सभी लोगों के बीच करुणा हो, दया हो, प्यार हो, शांति हो।

 

संकल्प 2

आपके आसपास की हर चीज़ शांति में डूब रही है - आकाश, महासागर, पेड़, लोग, वन्यजीव, इमारतें - और हर चीज़ शांति बिखेर रही है।

संकल्प 3

हर कोई शांतिपूर्ण बन रहा है,
सही सोच, सही समझ और उद्देश्य की सत्यनिष्ठा विकसित कर रहा है।


एकसाथ मिलकर संकल्प साधकर हम परिवर्तन की एक ऐसी लहर को उत्प्रेरित करेंगे जिसका प्रभाव सीमाओं और पीढ़ियों के पार तक होगा।

सबसे पहले, एक इरादा होता है।

फिर एक व्यवहार।

फिर एक आदत।

फिर एक अभ्यास।

फिर यह आपका मूल स्वभाव बन जाता है।

अंत में, यह बस वही होता है जो आप हैं।”

ब्रेंडन बर्चर्ड

शांति के भागीदार बनने और शांति को बढ़ावा देने के लिए सभी आयु वर्गों के लिए गतिविधियाँ खोजने हेतु ‘पीसफुलनेस’ वेबसाइट पर जाएँ।

मैं दुनिया में शांति लाने के आपके प्रयासों के लिए आपको शुभकामनाएँ देता हूँ, - दाजी


वर्ष 1982 और वर्ष 2001 के बीच, अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस हर साल सितंबर के तीसरे मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र के उद्घाटन के दिन मनाया जाता था।


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दाजी

दाजी हार्टफुलनेसके मार्गदर्शक

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