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हृदयपूर्ण सुझाव

दाजी
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हृदयपूर्ण सुझाव

हाँआप यह कर सकते हैं

 

दाजी 

 

"विचार क़ायम रहते हैंवे दूर तक जाते हैं।"

स्वामी विवेकानंद 

 

हम मनुष्य सामाजिक प्राणी हैं। हम सबसे अलग होकर जीवित नहीं रह सकते। जब हमारा आंतरिक विकास दूसरों के हृदयों को छूने के लिए विस्तारित होता है और हमारा भौतिक विकास भी हमारे आसपास के बहुत से लोगों को लाभान्वित करता है तब हम सभी उन्नति करते हैं। हम सब एक-दूसरे से हृदय के माध्यम से जुड़े हैं और वास्तव में हम सभी शांतिपूर्ण, प्रेमपूर्ण, आनंदपूर्ण और समृद्ध जीवन जीना चाहते हैं।
शायद आप पहले से ही दान या स्वयंसेवी कार्य के माध्यम से समाज में योगदान दे रहे होंगे लेकिन हम सभी यह नहीं कर सकते हैं। इसलिए मैं आपको कुछ ऐसा बताना चाहता हूँ जो हम अपने सभी साथियों के लिए कर सकते हैं - तीन हृदयपूर्ण सुझाव। ये हमारे लिए, हमारे आसपास के लोगों के लिए और पूरी मानव जाति के लिए अत्यधिक लाभदायक हैं।
इसलिए, जब भी आपके पास खाली समय हो, आप चुपचाप हों और आपके पास कुछ और करने को न हो तब इन हृदयपूर्ण सुझावों का अभ्यास करें। उनका प्रभाव धीरे-धीरे करके बढ़ता जाता है - बाहर भी और अंदर भी।
 

पहला सुझाव

हमारे चारों ओर सब कुछ - हवा के कण, लोग, पक्षी, पेड़…. हमारे आसपास की हर चीज़ ईश्वर की याद में गहराई से डूबी हुई है। सभी स्रोत के साथ जुड़े हुए हैं और उनमें शांति व संतुलन बढ़ रहा है।

 

दूसरा सुझाव

सभी सही सोच, सही समझ और जीवन के प्रति एक ईमानदार दृष्टिकोण विकसित कर रहे हैं। वे कर्म में सच्चाई और चरित्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर रहे हैं।

 

तीसरा सुझाव

सभी में प्रेम और भक्ति भाव भर रहा है और उनमें वास्तविक आस्था दृढ़ होती जा रही है। पूरे विश्व में सत्य और धर्म स्थापित हो रहा है। हमारे देशों व पूरे विश्व के सामने आने वाले सभी प्रकार के विक्षेप दूर हो रहे हैं। यह पूरी पृथ्वी शांति, प्रेम और दिव्य कृपा से भर जाए।

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सुझाव तब अधिक शक्तिशाली होते हैं जब वे केवल बुद्धि से नहीं बल्कि हृदय से दिए जाएँ। इसलिए पहले अपने भीतर हृदय को खोलें और फिर कोई सुझाव दें। उन्हें दिन के अलग-अलग समय पर, अलग-अलग जगहों पर और अलग-अलग वातावरण में देकर देखें। आपका पंसदीदा कौन सा है? 


शुभकामनाओं सहित,


दाजी

 

 

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