हार्टफुलनेस का संबंध अनुभूति से है। हमारा पूरा जीवन अनुभूतियों और प्रेरणाओं से निर्देशित होता है और यही हृदय की भूमिका है। जब हम हृदय की बात सुनने और भीतर से आने वाली प्रेरणा को ग्रहण करने में कामयाब हो जाते हैं तब हम अपने जीवन को नियंत्रित करना सीख जाते हैं। हृदय का मन के साथ तालमेल बैठाने की संपूर्ण प्रक्रिया हृदय पर ध्यान के माध्यम से होती है। इसीलिए इसे हार्टफुलनेस ध्यान कहा जाता है।
हार्टफुलनेस एक 100साल पुरानी परंपरा है जो वैज्ञानिक जाँच और चिरसम्मानित चिंतनशील अभ्यासों को एकीकृत करते हुए समय के साथ विकसित होती रहती है। प्रमाणित प्रशिक्षक आपको प्राणाहुति की सूक्ष्म ऊर्जा का अनुभव करने के लिए मार्गदर्शित करते हैं। यहऊर्जा आंतरिक अनुभव, वास्तविकता, करुणा और जागरूकता के गहरे स्तर को जागृत करती है। हार्टफुलनेस के अभ्यास आपकी जागरूकता का विस्तार करते हैं और सुख, संतुष्टि, शांति, सहानुभूति, साहस और स्पष्टता विकसित करते हैं। इस जागृत सामर्थ्य के साथ हम सब एकजुट होकर सम्मान, शांति और एकता पर आधारित विश्व का निर्माण कर सकते हैं।
उद्भव
हार्टफुलनेस का उद्भव 1800 के दशक के अंत में उत्तरी भारत में गंगा नदी के किनारे स्थित फ़तेहगढ़ नामक एक छोटे से शहर में हुआ। इसके अभ्यास प्राणाहुति की प्राचीन कला पर आधारित हैं। यह एक परिवर्तनकारी योग तकनीक है जिसे रामचंद्रजी, जिन्हें उनके दोस्त लालाजी के नाम से जानते थे, द्वारा फिर से खोजा गया था। बहुत छोटी आयु में ही उन्होंने प्राणाहुति की फिर से खोज की और कम उम्र से ही ख़ुद की देखभाल की एक सरल और प्रभावी विधि की आवश्यकता को पहचान लिया जिसे सार्वभौमिक रूप से अपनाया जा सके।
लालाजी ने सभी अनावश्यक अनुष्ठानों और सांस्कृतिक मान्यताओं को हटाकर, अतीत की महान परंपराओं के कुछ आवश्यक ध्यान के अभ्यासों को शोधित किया और उन्हें आधुनिक जीवन की ज़रूरतों के अनुकूल एक सार्वभौमिक प्रणाली में विकसित किया। उन्होंने अपने जीवनकाल में कई अनुयायियों को प्रशिक्षित किया। उनमें से शाहजहाँपुर के रामचंद्रजी भी थे जिन्हें कई लोग बाबूजी के नाम से जानते थे। वर्ष 1945 में बाबूजी अनुयायियों की बढ़ती संख्या को प्रशिक्षित करने और प्राणाहुति प्रसारित करने के काम में लालाजी के उत्तराधिकारी बन गए। उनके काम से हार्टफुलनेस ध्यान के अभ्यासों का और अधिक शोधन और विकास हुआ।
जुलाई 1945 में बाबूजी ने भारत में पहली हार्टफुलनेस संस्था की स्थापना की - जो दुनिया भर के लोगों की भलाई के लिए एक लाभ-निरपेक्ष संस्था थी। उसके बाद बाबूजी ने व्यापक रूप से यात्राएँ करनी शुरू कर दीं - पहले भारत के अंदर और फिर उसके बाहर। अपनी विदेश यात्राओं के दौरान उन्होंने यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अफ़्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया में लोगों को ध्यान के अभ्यासों से परिचित कराया। उनकी यात्राओं में श्री पार्थसारथी राजगोपालाचारी, जिन्हें चारीजी के नाम से जाना जाता है, उनके संग गए और उन्हें सहयोग दिया। वर्ष 1983 में चारीजी बाबूजी के उत्तराधिकारी बने। चारीजी के नियमित विदेश दौरों ने हार्टफुलनेस अभियान का उल्लेखनीय विस्तार किया। उन्होंने स्कूलों के लिए कार्यक्रम, छात्रवृत्ति कार्यक्रम, अनुसंधान सुविधाएँ, निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा क्लीनिक विकसित किए और संयुक्त राष्ट्र के जन सूचना विभाग (यूएनडीपीआई) के साथ साझेदारी भी की। श्री कमलेश पटेल, जिन्हें दाजी के नाम से जाना जाता है, दिसंबर 2014 में चारीजी के उत्तराधिकारी बने। दाजी ने वर्ष 1976 में हार्टफुलनेस अभ्यास शुरू किया था। उन्होंने हार्टफुलनेस मार्गदर्शक बनने से पहले भारत, अमेरिका, ओशिनिया और अफ़्रीका में संस्था के भीतर कई ज़िम्मेदार भूमिकाएँ निभाईं। दाजी विवाहित हैं और उनके दो बेटे और चार पोते-पोतियाँ हैं। तीस वर्षों तक वे न्यूयॉर्क शहर में एक व्यवसायी थे और उन्होंने वहाँ फ़ार्मेसियों की एक श्रृंखला विकसित की जिन्हें अब उनके बेटे और अन्य लोग चला रहे हैं। वे एक प्रखर वक्ता हैं और प्रबुद्ध चेतना चाहने वाले सभी लोगों के लिए एक आदर्श हैं। उन्होंने बड़े पैमाने पर यात्रा की है। वे जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों के साथ सहज रहते हैं और युवाओं पर विशेष ध्यान देते हैं। उनके मार्गदर्शन में अब दुनिया भर में लाखों हार्टफुलनेस अभ्यासी हैं।
हार्टफुलनेस अभियान वर्ष 1957 से शांति बहाल करने में सक्रिय रहा है, जब बाबूजी ने पहली बार डैग हैमरस्क्जोंल्ड डॉग हैमरशोल्ड से संपर्क किया था और दुनिया के सभी लोगों में शांति विकसित करने के लिए हार्टफुलनेस अभ्यास की पेशकश की थी। वर्ष 2005 से हार्टफुलनेस ने 21 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ साझेदारी की है। इससे दुनिया भर के इसके सभी केंद्रों के स्थानीय समुदायों में जागरूकता आई है। आज दुनिया के सभी प्रदेशों में हार्टफुल कम्युनिकेशन कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं, जो लोगों को झगड़े सुलझाने और सामंजस्य स्थापित करने का तरीका प्रदान करते हैं।
चूँकि हार्टफुलनेस का मूल आधार योग है, हम 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को भी बढ़ावा देते हैं। हमने एक मुफ़्त ऑनलाइन सहयोगी मंच बनाया है जहाँ कई स्कूलों के योग विशेषज्ञ जनता को मुफ़्त कार्यक्रम प्रदान करने के लिए एक साथ जुड़ते हैं।
लाखों लोग हम पर भरोसा करते हैं। आप किसकी प्रतीक्षा कर रहे हैं?