पतझड़ में पेड़ से गिरने वाले पत्तों की तरह न बनें, जिन्हें हवा द्वारा यहाँ से वहाँ दिशाहीन, लक्ष्यहीन उड़ा दिया जाता है।
दाजी
July 28th 2021
जब मन ढुलमुल हो और निरुद्देश्य भटकता रहे तब हम अपने लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित नहीं कर पाते हैं।
दाजी
July 27th 2021
निरंतर देने वाला कभी खाली नहीं होता।
चारीजी
July 26th 2021
समर्पण करना ही प्रेम की स्वाभाविक अवस्था होती है।
चारीजी
July 25th 2021
जहाँ प्रेम हो वहाँ भय नहीं हो सकता।
चारीजी
July 24th 2021
अपने अन्तर्मन को साफ़ कर लें तो बाहर भी हर एक चीज़ साफ़ दिखाई देगी। अन्तर्मन को सँवार लें और बाहर भी सबकुछ सुन्दर हो जाएगा।
चारीजी
July 23rd 2021
आस्था अस्तित्व की नींव है। बिना आस्था के हमारा अस्तित्व एक ऐसे नींव रहित भवन जैसा होगा जो हवा के हर झोंके और आँधी की दया पर निर्भर होता है।
चारीजी
July 22nd 2021
दिल जब खुला हो तो हर कोई आपका मित्र बन जाता है।
चारीजी
July 21st 2021
विचारों पर ध्यान न देना ही उनसे लड़ने का श्रेष्ठ साधन है, क्योंकि हमारे ध्यान दिये बिना विचारों के पास कोई शक्ति नहीं होती है।
चारीजी
July 20th 2021
जब तक कि कोई क्रोध से मुक्त नहीं हो जाता, तब तक संयम प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
लालाजी
July 19th 2021
प्राणाहुति हमारी अंतरात्मा को निखारती है।
दाजी
July 18th 2021
हम ही अपने रोज़मर्रा के विचारों से - अपनी इच्छाओं, अपने आकर्षण-विकर्षण और अपनी पसंद-नापसंदगी से अपनी नियति का निर्माण करते हैं।
दाजी
July 17th 2021
बाहर शान्ति बनाने के लिए पहले उसे दिल में होना चाहिए।
दाजी
July 16th 2021
हृदय मन का कार्यक्षेत्र है।
बाबूजी
July 15th 2021
भले ही कोई फूल चट्टानों की दरारों के बीच छिपा हो, मधुमक्खी ढूँढ़ ही लेती है कि वह कहाँ खिला है। हम अपने दिलों को ऐसे फूलों की तरह कैसे बना सकते हैं?
दाजी
July 14th 2021
जीवन एक पाठशाला है जहाँ हमें सबक सीखकर अगली कक्षा में जाना होता है।
चारीजी
July 13th 2021
सच को इस तरह से कहने की कोशिश करें कि वह दूसरों में प्रेम जगाए।
दाजी
July 12th 2021
इस संसार की तुलना हमारे शरीर से की जा सकती है। अगर एक भी अंग बीमार हो जाए तो सम्पूर्ण शरीर प्रभावित हो जाता है।
लालाजी
July 11th 2021
प्रेम के बारे में सोचना ध्यान नहीं है, प्रेम को महसूस करना ध्यान है।
दाजी
July 10th 2021
मैं चाहे जो कुछ भी करूँ, उस काम में मुझे अपने दिल का सारा प्यार उँडेल देना चाहिए।
दाजी
July 9th 2021
सभी के प्रति अपना दिल खोलने की हिम्मत रखें।
चारीजी
July 8th 2021
हमारा इनाम भौतिक संदर्भ में नहीं बल्कि इस संदर्भ में मापा जाएगा कि हम लोगों को उनके अभीष्ट लक्ष्य या ध्येय तक पहुँचाने में किस तरह से मदद कर पाते हैं।
दाजी
July 7th 2021
ध्यान के लिए हमें ऐसा ज़रिया अपनाना चाहिए जो हमारे दिलों में सच्चे प्रेम को प्रकट करे।
बाबूजी
July 6th 2021
अपनी आकांक्षाओं के अनुसार अपनी जीवनशैली को ढालें।
दाजी
July 5th 2021
हमारी नियति को गढ़ने का एकमात्र उपलब्ध साधन मन है ।
चारीजी
July 4th 2021
अपने भीतर और अपने काम, दोनों में पूर्णता हासिल करने के लिए हमें खुद से लगातार पूछते रहना चाहिए, ‘‘मैं खुद को और कितना बदल सकता हूँ ताकि मेरा काम अधिक प्रभावी हो जाए?
दाजी
July 3rd 2021
यदि आप आग के पास बैठकर गरमाहट और बर्फ़ के पास बैठकर ठंडक महसूस करते हैं तो आप ऐसे व्यक्ति के संपर्क में रूपांतरित क्यों नहीं होंगे जो अनुशासन व शिष्टाचार में परिपूर्ण है?
लालाजी
July 2nd 2021
जब हम सभी साथ मिलकर ध्यान करते हैं तब हम प्रेमपूर्ण एकात्मता का एक सूक्ष्म क्षेत्र निर्मित करते हैं।
दाजी
July 1st 2021
जैसे-जैसे हम विकसित होते जाते हैं, वैसे-वैसे हमारी चेतना अपने सम्पूर्ण दायरे में विस्तारित होते हुए, हमारी मानवीय क्षमता की व्यापकता को प्रकट करती है।