ध्यान यह परखने में हमारी मदद करता है कि हमारी सोच सही है या गलत, लाभदायी है या नहीं।
दाजी
February 28th 2020
स्वयं को इच्छाओं से मुक्त करने का एक ही तरीक़ा है कि उनसे मुँह फेर लिया जाए और अपनी नज़र वास्तविकता पर टिका दी जाए।
बाबूजी
February 27th 2020
हर ध्यान एक समर्पण है।
दाजी
February 26th 2020
जब हमारी चेतना का विस्तार होता है तब हम धर्म के परे जाकर आध्यात्मिकता के पथ पर कदम रखते हैं।
बाबूजी
February 25th 2020
दिल जब खुला हो तो हर कोई आपका मित्र बन जाता है।
चारीजी
February 24th 2020
जीवन को संतुलित करने का प्रयास करने के बजाए इसे समाहित करें।
दाजी
February 23rd 2020
मजबूरी में नहीं, बल्कि प्रेम से स्वीकारना सीखें।
दाजी
February 22nd 2020
आप जो भी काम करें हृदय से उसकी स्वीकृति ज़रूर ले लें। भला हृदय के संकेतों की उपेक्षा कौन कर सकता है!
दाजी
February 21st 2020
दिल के सही होने पर उसका मन के साथ ऐसा तालमेल बैठता है कि फिर कोई सन्देह नहीं रह जाता।
दाजी
February 20th 2020
अपरिपक्व प्रेम आपको बाँधे रखता है, जबकि परिपक्व प्रेम आपको मुक्त करता है।
दाजी
February 19th 2020
जीवन एक पाठशाला है जहाँ हमें सबक सीखकर अगली कक्षा में जाना होता है।
चारीजी
February 18th 2020
वास्तविक ध्यान में हम पूर्ण अनुभवरहित स्थिति में प्रवेश करते हैं।
दाजी
February 17th 2020
दिल के खुलेपन से प्रेम उत्पन्न होता है। जब आपके भीतर से प्रेम प्रवाहित होता रहेगा, तो आप पवित्र बने रहेंगे।
दाजी
February 16th 2020
परिवर्तन को प्रेम से, स्वेच्छा से व भीतर से आना चाहिये।
दाजी
February 15th 2020
एक नेक दिल, उदार भावनाएँ और संतुलित मन चरित्र की बुनियाद होते हैं।
लालाजी
February 14th 2020
प्रेम में अपेक्षा के लिये कोई जगह नहीं होती सिर्फ़ कृतज्ञता के लिये होती है। इसीलिये प्रेम मानवीय श्रेष्ठता की पराकाष्ठा है।
दाजी
February 13th 2020
यदि आप अनन्त ख़ुशियाँ और आनन्द पाना चाहते हैं तो अपनी इच्छाओं को कम कर दें।
दाजी
February 12th 2020
ध्यान सोचने से महसूस करने में, महसूस करने से होने में, होने से बनने में और आख़िर में उससे भी परे जाने में विकसित होता है।
दाजी
February 11th 2020
इससे पहले कि हम इतने वृद्ध हो जाएं और अपने आप को बदल ही न पाएं, वे ज़रूरी बदलाव हमें आज ही लाने चाहिए।
चारीजी
February 10th 2020
आशा हृदय की आंतरिक श्रद्धा से विकसित होने वाला एक भाव है।
चारीजी
February 9th 2020
जीवन हमारे मनोभावों की अभिव्यक्ति है।
चारीजी
February 8th 2020
प्रेम और भक्ति से भरे हृदय से की गई प्रार्थना कभी अनसुनी नहीं जाती।
बाबूजी
February 7th 2020
यदि एक बार मन सामंजस्यपूर्ण स्थिति में आ जाए तो फिर न बाहरी परिस्थितियों और वातावरण का उस पर कोई प्रभाव होगा और न ही आंतरिक अशांति होगी।
बाबूजी
February 6th 2020
केवल प्रेम से ही आप दिलों को जीत सकते हैं। इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं है।
लालाजी
February 5th 2020
यदि आप ख़ुद को नगण्य समझें और दूसरों का आदर करें तब आपको भी आदर मिलता है। दूसरे शब्दों में कहें तो आप स्वयं ही अपने लिए आदर अर्जित करते हैं।
लालाजी
February 4th 2020
स्वयं को शुद्ध करने के लिए हमें अपनी उन सभी आदतों और भावनाओं को सुधारना होगा जो सद्चरित्र एवं संस्कृति के विरुद्ध हैं, साथ ही सभी प्रवृत्तियों को भी परिष्कृत करना होगा ताकि हम स्वयं की परिपूर्णता तक पहुँच सकें।
लालाजी
February 3rd 2020
सहज अभ्यास अपनाएँ। इस रहस्य को जान लें कि अभ्यास के बिना कुछ भी हासिल नहीं होता। केवल अध्यात्म में ही नहीं बल्कि सांसारिक मामलों में भी अभ्यास की ज़रूरत होती है।
लालाजी
February 2nd 2020
यह संसार संभावनाओं का संसार है। निःसंदेह, एक संभावित घटना होने की यहाँ पूरी संभावना है, लेकिन सबसे अनोखी बात यह है कि यहाँ एक असंभावित घटना के संभव होने की भी संभावना है।
लालाजी
February 1st 2020
जो अचल है उसे शान्त और स्थिर कहते हैं। सूक्ष्मतम मौलिकता का नाम शान्ति है।