विश्व एथलेटिक्स दिवस मई को मनाया जाता है। सारा बब्बर इस बार यूनानी पौराणिक कथाओं से एक कहानी लेकर आई हैं और बताती हैं कि ओलंपिक खेल कैसे अस्तित्व में आए।

 

क बार की बात है, प्राचीन यूनान में इनोमॉस नाम का एक राजा था। वह शक्तिशाली था और युद्ध में अजेय था। वह अपने घोड़ों को बड़ी तेज़ी से दौड़ाता था और दुश्मन के सैनिकों को बहुत पीछे छोड़ देता था।

कई वर्षों बाद उसके यहाँ एक पुत्री ने जन्म लिया। उसने अपनी बेटी को महल की सभी सुविधाएँ दीं। उसे चित्र बनाना और बड़े-बड़े बगीचों में घूमना बहुत पसंद था। वह पेड़ों पर चढ़ती, फल तोड़ती और जो कुछ दिनभर देखती, उसे अपने चित्रों में उतारती। लेकिन सबसे ज़्यादा उसे अपने पिता के साथ बिताए पलों के चित्र बनाना पसंद था, ऐसे चित्र जिनमें वे सिंहासन पर बैठे होते, रथ पर सवार होते और बगीचे में उसके साथ टहल रहे होते।

 

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हर रात राजा अपनी बेटी को बिस्तर पर सुलाते और दूर जगहों की कहानियाँ सुनाते। उन्होंने अपनी बेटी को बताया कि कैसे उन्होंने एक बार मेसोपोटामिया के राजा से युद्ध करते समय सही समय पर अपने घोड़े को मोड़ दिया था। राजकुमारी अपने पिता के प्रशासन और युद्ध-कौशल से बहुत प्रभावित थी। वह उनसे कई सवाल पूछती और राजा धैर्यपूर्वक सबका जवाब देते।

वर्षों बाद, राजकुमारी बड़ी हो गई और उसने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली। राजा को अब उसके लिए एक उपयुक्त वर की तलाश थी। एक दिन जब राजा आत्मविश्वास और गर्व के साथ अपने रथ पर सवार थे तभी उन्होंने एक बूढ़े व्यक्ति को टक्कर मार दी। गुस्से में बूढ़े व्यक्ति ने राजा को कहा, “हे राजन, तुम अपने कौशल पर इतने गर्वित हो कि अपने मार्ग में आने वाले असहाय लोगों को भी नहीं देखते। तुम दंड के भागी हो। मैं श्राप देता हूँ कि तुम अपने होने वाले दामाद के हाथों पराजित हो जाओगे।”

राजा इतने दुखी हुए कि उन्होंने राजकुमारी के लिए वर ढूँढना बंद कर दिया। वे किसी युवक से हारना नहीं चाहते थे। इस बीच, एक दिन राजकुमारी बगीचे में टहल रही थी और वहाँ उसने एक दयालु नौजवान को देखा जो एक नेत्रहीन महिला को चलने में मदद कर रहा था। वह उस युवक को चाहने लगी। लेकिन उसे पता था कि उसका पति वही हो सकता है जो उसके पिता को रथ दौड़ में हरा सके। इसलिए उसने एक चाल चली। उसने अपने पिता के रथ में लगे धातु के पेंचों को निकालकर उनकी जगह मोम के पेंच लगा दिए। जब दौड़ शुरू हुई तब मोम पिघल गया और रथ के पहिये अलग हो गए। कुशल राजा ने समय रहते रथ से छलांग लगा दी और दौड़ पेलॉप्स ने जीत ली, जो वही दयालु युवक था जिसे राजकुमारी पसंद करती थी।

राजा ने घोषणा की कि पेलॉप्स उससे बेहतर रथ चालक है और उसे महल में बुलाकर उससे अपनी बेटी की शादी करवा दी। वे दोनों खुशी से रहने लगे। पेलॉप्स ने राजा इनोमॉस, जो एक महान रथ चालक थे, को सम्मानित करने के लिए ओलंपिक खेलों की शुरुआत की।


ओलंपिक खेलों के बारे में

प्राचीन ओलंपिक खेल यूनानी देवताओं के राजा, ज़ीउस के सम्मान में एक दिन के कार्यक्रम के रूप में आयोजित किए जाते थे।

प्राचीन ओलंपिक खेलों के विजेताओं को जैतून की माला (wreath) उपहार में दी जाती थी।

ओलंपिक ध्वज में नीले, पीले, काले, हरे और लाल रंग के पाँच जुड़े हुए छल्ले होते हैं जो पाँच महाद्वीपों के संघ और ओलंपिक खेलों में खिलाड़ियों का मिलाप दर्शाते हैं।

पैरा-ओलंपिक खेल, जो विकलांग खिलाड़ियों के लिए आयोजित किए जाते हैं, वर्ष 1960 में रोम में शुरू हुए और ये ओलंपिक खेलों के बाद आयोजित होते हैं।


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विश्व एथलेटिक्स दिवस मई को मनाया जाता है। सारा बब्बर इस बार यूनानी पौराणिक कथाओं से एक कहानी लेकर आई हैं और बताती हैं कि ओलंपिक खेल कैसे अस्तित्व में आए।


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सारा बब्बर

सारा एक कहानीकार, मोंटेसरी सलाहकार और बच्चों की एक पुस्तक की लेखिका हैं। वे एक प्रकृतिवादी भी हैं और बाल्यावस्था में पारिस्थितिकी चेतना के विषय में डॉक्टरेट कर रही हैं। वे आठ वर्षों... और पढ़ें

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