मरेटा नॉरगार्ड और एमिली मोगेन्सन आपस में बातचीत करती हैं। मरेटा एक कंपनी ‘लिविंग वॉइस’ चलाती हैं (www.livingvoice.dk)। यहाँ वे अग्रणियों और संचारकों के साथ काम करती हैं और उनको बेहतर वक्ता बनने में, उनकी आवाज़ को प्रबल बनाने में और उन्हें विश्वसनीय नेतृत्व क्षमता प्राप्त करने में मदद करती हैं। उनकी पुस्तक ‘द मैजिक ऑफ़ वॉइस’ एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शिका है जो आवाज़ को एक साधन व मांसपेशी के रूप में समझने और प्रशिक्षित करने के बारे में है।
एमिली - परिचय के तौर पर मैं बताना चाहूँगी कि जब मैं डेनिश नेशनल टीवी पर अपनी पिछली कंपनी के बारे में बता रही थी तो वह मेरे सबसे अच्छे अनुभवों में से एक था। मुझे पता था कि मुझे केंद्रित और एकाग्र रहने के लिए मदद की ज़रूरत थी ताकि श्रोता मेरे शब्दों के पीछे के भाव को महसूस कर सकें और यह समझ सकें कि मैं कौन हूँ। यह वर्ष 2018 की बात है। उसके बाद से मैंने बहुत कुछ सीखा है और मुझमें बहुत बदलाव भी आया है। फिर भी अपनी उस प्रस्तुति में मैं बहुत सफल रही थी और उसे करने में मुझे बहुत आनंद आया था। मैंने स्वयं को गहन आंतरिक संतुलन और सच्चाई से बोलते महसूस किया था। मुझे लगता है कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मैंने मरेटा से प्रशिक्षण लिया था।
मरेटा मेरी सबसे अच्छी मित्रों में से एक है, एक बड़ी बहन की तरह जिसकी मैं प्रशंसक हूँ और जिससे बात करना मुझे अच्छा लगता है। वह हँसमुख है, उसका दिमाग तेज़ है और उसका हृदय खुला है। मैं सच में आशा करती हूँ कि मरेटा के ज्ञान से और भी ज़्यादा लोग लाभान्वित हों क्योंकि मेरी जानकारी में वे सबसे अच्छी समन्वयक (facilitator) हैं। मैं मरेटा का हार्टफुलनेस पत्रिका के पाठकों से परिचय कराने पर सम्मानित महसूस कर रही हूँ और प्रसन्न हूँ कि संयोग से यह उनकी पुस्तक ‘द मैजिक ऑफ़ द वॉइस’ के अंग्रेज़ी अनुवाद के प्रकाशन के साथ हो रहा है।
प्राचीन ज्ञान परंपराओं के गुरुओं ने भी आवाज़ यानी ध्वनि के बारे में लिखा है। दर्शन शास्त्र के अनुसार ‘ॐ’ एक पवित्र ध्वनि है, ब्रह्मांडीय ध्वनि, जिसमें सभी ध्वनियाँ समाहित हैं। ध्वनि का रहस्य एक गहन आंतरिक ज्ञान है जो हम सभी में है और हम उसे बहुत आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
नमस्ते मरेटा! आप जो कुछ भी इस दुनिया के लिए कर रही हैं, उसके लिए धन्यवाद। आप कई वर्षों से उद्यमी हैं और आपने एक सफल प्रशिक्षण व्यवसाय विकसित किया है। आपके दो वयस्क बच्चे भी हैं जिनको आपने इस व्यवसाय को संभालने के साथ-साथ एकल माँ के रूप में अपने बूते पर बड़ा किया है। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है।
जब आप कोई बात ज़ोर से बोल कर बताते हैं तभी आपको पता चलता है कि
आप क्या कहना चाहते हैं क्योंकि तब शब्द एक चेतन स्वरूप ले लेते हैं।
मैं यह जानने के लिए उत्सुक हूँ कि आपकी पद्धति इतनी प्रचलित क्यों है और कई कंपनियों एवं व्यक्तियों ने, जो डेनमार्क में ऊँचे ओहदों पर हैं, इसे क्यों अपनाया है। वह क्या है जिसके कारण आपकी कंपनी ने आपका सबसे बड़ा जुनून बने रहने के साथ-साथ प्रगति की और आपके लिए लाभप्रद व्यवसाय बनी?
मरेटा - मुझे आमंत्रित करने के लिए और हार्टफुलनेस परिवार की एक सहृदय और प्यारी बहन बने रहने के लिए धन्यवाद। हम सभी को संवाद करते समय पूर्णतः ‘उपस्थित’ रहने का अभ्यास करने की ज़रूरत है क्योंकि हमारी आवाज़ भीतर से बाहर की ओर चलने वाले कन्वेयर बेल्ट की तरह होती है।
मेरा उद्देश्य लोगों की मदद करना है ताकि उन्हें अपने अस्तित्व को बनाए रखने का अधिकार हो और जो वे वास्तव में हैं उसके बारे में स्वच्छंदता से बोलें। आवाज़ आपकी उपस्थिति और जागरूकता प्रकट करने के सबसे शक्तिशाली संसाधनों में से एक है। यह आपको दूसरों से जुड़ने में और यह समझने में मदद करती है कि आप कौन हैं। जब आप कोई बात ज़ोर से बोल कर बताते हैं तभी आपको पता चलता है कि आप क्या कहना चाहते हैं क्योंकि तब शब्द एक चेतन स्वरूप ले लेते हैं।
हमें साँस छोड़ने के साथ बोलना भी पुनः सीखने की ज़रूरत है - पहले साँस लें और जब साँस छोड़ रहें हों तब बोलें अर्थात पहले अंत:प्रेरणा प्राप्त करें, तब बोलें।
जब आप बोल कर ध्वनि उत्पन्न करते हैं और उसे विकसित व प्रशिक्षित करते हैं
तब आपकी आवाज़ आपके शब्दों के पीछे के स्पंदनों को लोगों तक पहुँचाती है।
मैं आपकी आवाज़ पर ठोस और भौतिक ढंग से काम करती हूँ और आपके व्यक्तित्व से वह निकाल देती हूँ जो ‘आप’ नहीं हैं ताकि आप प्रफुल्लित और उत्साह से भरपूर लगें। अपनी वाणी का सुधार करने से आपके भीतर विवेक व अंतर्ज्ञान विकसित होता है और जो आपके द्वारा अपनाई गई विकास की अन्य विधियों के साथ बहुत अच्छे से काम करता है।
इससे आपको अपने भीतर के उस अज्ञात स्थान का पता लगाने का साहस मिलता है जो आपकी तंत्रिका ऊर्जा को रूपांतरित करके आपकी आवाज़ को ऊर्जावान, प्रबल और विश्वसनीय बनाता है। इससे आपको अपना वक्तव्य, जिसे आप हज़ारों बार कह चुके हैं, उसे दोहराने की ज़रूरत नहीं पड़ती क्योंकि आप अनुभवी वक्ता के रूप में अपने हृदय से बोलते हैं जिसका स्थाई प्रभाव होता है।
मेरी कहानी छोटी उम्र से शुरू हुई। उस समय जब भी मुझे सार्वजनिक भाषण देना होता था, मेरी गर्दन पर लाल निशान आ जाते, धड़कन तेज़ हो जाती और मुझे अत्यधिक भय महसूस होता था। मैंने कई वर्ष पहले यह तय किया कि कैसे भी हो इस भय को किसी लाभप्रद चीज़ में और बेचैनी व घबराहट को किसी सकारात्मक चीज़ में बदलना होगा। इसके लिए मुझे कुछ तरीके विकसित करने होंगे जिनसे मैं दूसरों को उत्कृष्ट प्रदर्शन की राह पर ले जाने में सक्षम बनूँ। ये ऐसे तरीके हैं जिनसे आप अपनी बात दूसरों तक पहुँचा पाएँगे, श्रोताओं पर प्रभाव डाल पाएँगे और आवाज़ के कारण आ रही बाधा को खत्म कर पाएँगे।
एक युवा अभिनेत्री के रूप में मैंने शेक्सपियर की कृतियों पर काम किया था। तब ऐसा लगता था जैसे मैं शेक्सपियर के चरित्रों की आत्मा तक उनकी आवाज़ों के माध्यम से ही पहुँच सकती थी -जैसे उँगलियों के निशानों से लोगों को पहचाना जा सकता है, उसी तरह व्यक्ति की सही आवाज़ उसके चरित्र के बारे में सब बता सकती है।
मेरे लिए आवाज़ चरित्र की पहचान करने की कुंजी बन गई। शेक्सपियर ने मुझे आवाज़, शरीर, श्वास और आत्मा से जुड़ने के लिए और अपने आप को पूर्णरूपेण उनके कार्य में लगाकर बिना अपना दिमाग या कोई मानसिक शक्ति लगाए, उनके लेखन के प्रति समर्पित होने के लिए विवश कर दिया। इसका मतलब था स्वयं को पूरी तरह समर्पित कर देना और स्वयं को भूल जाना यानी एक तरह की आत्मविस्मृति। इस तरह से उनका लेखन आवाज़ के माध्यम से मेरे लिए एक जीवंत चरित्र बन गया।
इस तरह आवाज़ के क्षेत्र में कार्य करने में मेरी रुचि पैदा हुई। मुझे हमेशा से पता था कि हम सबके पास अपनी बात कहने का अधिकार है - लोगों के सामने प्रस्तुत होने का, अपनी बात कहने का और अपनी कहानियाँ सुनाने का। यह एक मानवीय तरीका है कि हम संबंध बनाएँ तथा यह जानें कि हम कौन हैं और दूसरों व दुनिया को हम क्या दे सकते हैं।
यह ज्ञान दूसरों को देने से पहले मुझे खुद को विकसित करने की आवश्यकता थी। शेक्सपियर की रचनाएँ आत्मा और आवाज़ को जोड़ती हैं। उनके नाटक महान मानवीय भावनाएँ अभिव्यक्त करते हैं और ऐसे गहन विचारों की रूपरेखा गढ़ते हैं जो आज भी प्रासंगिक हैं। वे मानवीय दुविधाओं और भावनाओं को उजागर करते हुए शक्तिशाली और प्रभावी ढंग से अभिव्यक्त करते हैं। उनमें मानवता के प्रति गहरी समझ और प्रेम था। वे जानते थे कि जोड़ने वाली चीज़ें, हमें तोड़ने वाली चीज़ों से कहीं अधिक हैं।
एमिली - आप दो दशकों से अधिक समय से हार्टफुलनेस की एक निष्ठावान अभ्यासी रही हैं और मेरा अपना अनुभव है कि आवाज़ के प्रशिक्षण से मेरे ध्यान करने और केंद्रित होने में सुधार हुआ है। क्या आप बताएँगी कि ऐसा क्यों होता है?
मरेटा - आवाज़ का प्रशिक्षण इस बात पर ज़ोर देता है कि आपके पास आवाज़ नहीं है बल्कि आप स्वयं अपनी आवाज़ हैं। शारीरिक रूप से आपकी आवाज़ आप ही हैं और यह आपके पूरे शरीर में फैल सकती है अगर आप ऐसा होने दें। यदि आपके भीतर गहनता है तो आप अक्सर केंद्रित महसूस करते हैं।
जब आप बोल कर ध्वनि उत्पन्न करते हैं और उसे विकसित व प्रशिक्षित करते हैं तब आपकी आवाज़ आपके शब्दों के पीछे के स्पंदनों को लोगों तक पहुँचाती है। आवाज़ की ध्वनि उसके स्पंदन हैं। जब आप ऐसी आवाज़ से बोलते हैं जिसे शरीर की सहायता मिलती है तो इन स्पंदनों से शांति और स्थिरता प्राप्त होती है। आप अपनी स्वयं की आवाज़ को बेहतर ढंग से पहचान पाते हैं और दूसरे लोग भी आपकी आवाज़ को उसी तरह समझते हैं।
जब आपकी आवाज़ को शरीर की सहायता मिलती है और पूरे शरीर में फैल जाती है तब आप अपनी आवाज़ की कल्पना हवाई (airborne) उपकरण के रूप में कर सकते हैं जिसकी ऐसी ध्वनि तरंगें होती हैं जो हवा में प्रवाहित होती हैं। वे ध्वनि तरंगें आपके उपकरण के अंदर बनती हैं, हवा के माध्यम से बहती हैं तथा कानों के अंदर के भाग को सक्रिय करती हैं। यह एक ऐसा स्पर्श है जो हवा के माध्यम से होता है। इसलिए आप अपने संवाद के प्रवाह को सहज और वास्तविकता के प्रवाह के साथ तारतम्य में बनाए रहें।
आपकी आवाज़ आपके साथ जीवन भर रहती है - जन्म के समय रोने की पहली आवाज़ से लेकर अपने जीवन की आखरी साँस तक। हम ध्वनि पर ही जीते हैं और उसी में रहते हैं। हमारे मुँह से निकली आवाज़ की ध्वनि हमारे मूल अस्तित्व का अंश है। इस आवाज़ में शरीर, चित्त, भावनाएँ और अभिव्यक्ति - हर वो चीज़ जो आपको ‘आप’ बनाती है - सम्मिलित होती हैं।
आवाज़ लोगों को गतिशील बनाए रखती है। यह ऐसा वायुवाहित उपकरण है जो दूसरों के बहुत निकट तक जाता है, उन्हें दुलारता भी है और चोट भी पहुँचाता है। जब हम अपनी आवाज़ से दूसरों को सुनते हैं तो हम सचमुच उन्हें स्पर्श करते हैं।
मेरे विचार में मनुष्य की आवाज़ पृथ्वी पर सबसे महत्वपूर्ण ध्वनि है क्योंकि यही एकमात्र ऐसी आवाज़ है जो हमें रुला भी सकती है या हँसा भी सकती है, लड़ाई भी करा सकती है या यह भी कह सकती है, “मुझे आपसे प्रेम है।” आवाज़ शरीर से, आत्मा से, हमारी जीवन की कथाओं से, हमारी भावनाओं से और हमारी बात करने की मानवीय आवश्यकता से निकलने वाला हमारा ही गतिशील स्वरूप है। जैसा कि लालाजी कहते हैं, “शब्द चेतना का प्रकटीकरण है।”
एमिली - हमने हाल ही में आंतरिक विकास के बारे में और एक अच्छे समन्वयक से असाधारण समन्वयक बनने के तरीकों के बारे में बहुत कुछ साझा किया है। आप स्वयं को एक संवेदनशील फेसिलिटेटर की भूमिका में स्थापित करने की क्षमता के बारे में बताती हैं। अपने पॉडकास्ट में, आप मूल स्त्री ध्वनि (इसका संबंध लिंग से नहीं है) के बारे में विस्तार से बताती हैं। ध्रुवीयता के संतुलन को बढ़ाने के लिए ध्वनि इतना शक्तिशाली साधन क्यों है?
मरेटा - हम एक ऐसे साधन के साथ जन्मे हैं जिसका उपयोग हम शारीरिक रूप से और ठीक ढंग से बोलकर एक-दूसरे के मध्य की दूरियों को हटाने के लिए कर सकते हैं।
आप अपने संवाद के प्रवाह को सहज और वास्तविकता के प्रवाह के साथ तारतम्य में बनाए रहें।
अपनी आवाज़ को जानना महत्वपूर्ण है - “जब मैं बोलती हूँ तो वह ध्वनि कैसी लगती है? क्या मेरी आवाज़ कर्कश है, ऊँची है, दबी हुई है, बंद है या फिर हार्दिक ध्वनि है? क्या मैं ऐसी आवाज़ में बोलती हूँ जिसे सुनकर मैं स्वयं को पहचान सकती हूँ? या फिर मेरी आवाज़ मेरे और मेरे संदेश के अंश मात्र को ही संप्रेषित कर पाती है?”
हमारी बोली आक्रामक हो सकती है और लोगों को हम से दूर कर सकती है जिसके बारे में शायद हमें पता भी नहीं चलता। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम इस बात के लिए प्रशिक्षित ही नहीं हुए हैं कि हम सुने जाएँ या बोलने के समय स्वाभाविक बने रहें और समझें कि हम कौन हैं और हम क्या कहना चाहते हैं।
अपने शब्दों और उनकी ध्वनि को जानिए क्योंकि यह आपके आंतरिक ‘स्व’ से जुड़ी रहती है।
जब आप बोलते हैं तो आपकी आवाज़ कैसी लगती है, इसकी ज़िम्मेदारी लीजिए। जितनी बार आप मुँह खोलते हैं, दूसरों पर उसका कुछ असर होता है। कई लोग यह भी नहीं जानते कि जब वे बोलते हैं तो उनकी आवाज़ बहुत नीची और दबी हुई होती है और उसमें कोई फ़र्क और उतार-चढ़ाव नहीं होता। उनकी आवाज़ ऐसी होती है मानो वे अपने आपसे बात कर रहे हों और दूसरों से जुड़ने में उनकी कोई रुचि नहीं हो।
जब आप संवाद करते हैं तो अपने हृदय से करें और उस भाव को कक्ष में बहाने दें। इसमें केंद्रीयता और शारीरिक हाव-भाव व मानसिक उपस्थिति के साथ-साथ बोलने के लिए ऊर्जा अर्थात श्वास की ज़रूरत है।
मैं हरेक की आवाज़ में पाए जाने वाले दो पुरुष-सुलभ और दो स्री-सुलभ गुणों पर काम करती हूँ। इसका उद्देश्य आवाज़ के गहरे और हलके स्वरों को संतुलित करना है ताकि शारीरिक हाव-भाव आसानी से उसके अनुरूप हो सकें। इस आंतरिक ध्रुवीय संतुलन के सहारे को एक समन्वयक, उद्यमी और जीवन की राह पर चलने वाले मनुष्य के रूप में आपने अनुभव किया है।
एमिली - जब मैं आपके साथ काम करती हूँ तो आपकी प्रसिद्ध लोगों और राजनेताओं की आवाज़ों के माध्यम से अलग-अलग मूल ध्वनियों की नकल करने की योग्यता को देखकर मुझे बहुत मज़ा आता है। हर आवाज़ में संदेश देने की शक्ति (या कमी) होती है। आपकी अभिनय की पृष्ठभूमि के कारण आपके लिए इस पर ज़ोर देना आसान हो जाता है।
मैं यह जानने को उत्सुक हूँ कि आवाज़ के प्रशिक्षण द्वारा हम अपनी विशिष्ट कहानी और ‘वॉइस रियल’ (वास्तविक आवाज़)’ का पता कैसे लगा सकते हैं। जब मैं चीज़ों को छोड़ने की हिम्मत करती हूँ और वास्तव में आपकी सलाह का अनुसरण करती हूँ तब मेरे व्यक्तित्व के छुपे हिस्से उभर आते हैं। क्या हमारी आवाज़ हमारे संदेश देने का साधन भी है और अपना वास्तविक ‘स्व’ खोज पाने के लिए मार्गदर्शक भी है?
मरेटा - हाँ! यह आपका अपना विशिष्ट इतिहास है, आपकी व्यक्तिगत और अनोखी कहानी है जो बताती है कि आप जो हैं वैसे क्यों बने। विश्वसनीय लोगों ने अन्य बातों के अलावा, अपने जीवन के बारे में बहुत मनन किया है। चाहे उन्हें दूसरों का पूरा सहारा मिला या उनको दुर्भाग्य और मृत्यु का सामना करना पड़ा, उन्होंने ज्ञान अवश्य प्राप्त किया। उन्होंने इस बात पर मनन किया कि वे कौन सी घटनाएँ थीं जिनके कारण वे वैसे व्यक्ति बने, जैसे वे थे और उन्होंने इस प्रक्रिया की ज़िम्मेदारी ली। वे अपनी चुनौतियों से उबरे, उनके प्रति अपना दृष्टिकोण बदला और इस प्रकार से जीवन जीने के लिए उनमें रुचि पैदा हुई।
हम एक ऐसे साधन के साथ जन्मे हैं जिसका उपयोग हम शारीरिक रूप से और ठीक ढंग
से बोलकर एक-दूसरे के मध्य की दूरियों को हटाने के लिए कर सकते हैं।
आप इस जोश के साथ, अपनी इस वास्तविकता के साथ काम कर सकते हैं क्योंकि इसी में एक व्यक्ति, संचारक, नेता, अध्यापक, प्रस्तुतिकर्ता आदि के रूप में आपकी वास्तविक शक्ति और ऊर्जा निहित है। दूसरों को प्रेरित करने और अपने संदेशों को जल्दी समझाने के लिए आत्म-जागरूकता और विश्वसनीयता अनिवार्य हैं। इसके लिए साहस, उच्च कोटि की ईमानदारी और ऐसी ग्रहणशीलता चाहिए कि आप अपना या दूसरों का आंकलन किए बिना अपने आपको तथा अतीत की घटनाओं को देख पाएँ। जो लोग यह कदम उठाते हैं, वे स्वयं के अधिक मानवीय बनने का पूरा अनुभव करते हैं और अपनी कमज़ोरियाँ दिखाने को भी तैयार होते हैं। अपनी कमज़ोरियों को नकारना विकास के मार्ग में सबसे बड़े खतरों में से एक है, चाहे आप किसी भी कार्य के लिए संघर्ष कर रहे हों।
लोगों को प्रेरित करने और उनसे संवाद करने की क्षमता आपकी अपनी विशिष्ट आवाज़, मौलिकता और अपनी व्यक्तिगत कहानी बताने की हिम्मत करने पर आधारित है।
एमिली - मुझे ये उत्तर बहुत अच्छे लगे। ये मुझे फ्रांसीसी शब्द ‘कोअर (Coeur)’ का स्मरण कराता है जिसका अर्थ है ‘हृदय’। इसका मूल वही है जो करेज (courage) यानी साहस का है। हृदय से बात करने के लिए साहस की आवश्यकता होती है। मैं चाहती हूँ कि स्कूलों के पाठ्यक्रम में भी आवाज़ के प्रशिक्षण को शामिल किया जाए। क्या आपको लगता है कि आवाज़ मानवीय सामर्थ्य का एक ऐसा अंश है जिसे भुला दिया गया है और भविष्य में हम इस साधन को उतना ही प्रशिक्षित करेंगे जितना हम शरीर को प्रशिक्षित करते हैं?
मरेटा - हाँ, हमारी आवाज़ को काफ़ी जल्दी स्कूल की व्यवस्था में प्रशिक्षित किया जा सकता है ताकि बोलने की कला में महारत हासिल हो जाए। तब हमें बोलने पर असफल होने का डर नहीं लगेगा और न ही हमारे विचारों के आधार पर लोगों के राय बना लेने का भय होगा।
अगर हम स्वाभाविक रूप से मंच पर खड़े होकर बोलने के लिए प्रशिक्षित नहीं होते हैं तो बोलते समय दिल से जुड़ाव टूट जाता है। तब हर चीज़ को दिमाग से सोचना पड़ता है और हम मानवीय आवाज़ में नहीं बल्कि एक मशीन की तरह बोलते हैं।
कई लोग जिम में जाकर घंटों तक दर्पण में निहारते हुए, माँसपेशियों को प्रशिक्षित करना पसंद करते हैं या फिर साइकिल या ट्रेडमिल पर सैंकड़ों कैलोरी जलाते हैं। इसमें कुछ गलत नहीं है लेकिन जिन माँसपेशियों की हम अवहेलना करते हैं वे हमारे स्वर तंतु (vocal cords) हैं। यह दुखद है क्योंकि किसी भी और चीज़ की तुलना में आवाज़ में अधिक सामर्थ्य है। यदि मेरे बस में हो तो मैं फ़िटनेस केंद्र में लगने वाले समय में से प्रति सप्ताह एक घंटा आवाज़ के सर्वोत्तम उपयोग के लिए देना चाहूँगी। हमारे आस-पास के संसार में हमें कैसे देखा जाता है, उस पर आवाज़ का बहुत प्रभाव होता है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आप अपने गहनतम अस्तित्व में जैसे हैं वैसे ही अपने परिवेश के लिए ढल सकते हैं।
एमिली - मान लीजिए अगर कोई व्यक्ति बधिर है तो क्या उसकी आवाज़ को प्रशिक्षित किया जा सकता है?
मरेटा - हाँ, यह संभव है। “आपको अपने आपको भूलना होगा। यही एक तरीका है।”–एलेनोरा ड्यूस, इतालवी अभिनेत्री
एमिली - अगर आपको दो प्रसिद्ध आवाज़ों को चुनने के लिए कहा जाए, एक पुरुष की और एक स्त्री की, जिन्हें आप सबसे अधिक संतुलित और विश्वसनीय मानती हैं तो आप किन्हें चुनेंगी और क्यों?
मरेटा - ऐसे कई प्रसिद्ध कलाकार, सक्रिय कार्यकर्ता, परिवर्तक और आध्यात्मिक गुरु हैं, जैसे मार्गन फ़्रीमैन, एमा थॉमसन, जूडी डेंच, मार्टिन लूथर किंग जूनियर, चारीजी, मलाला युसुफ़ज़ई और स्कारलेट जोहानसन, जो कुछ अच्छे उदाहरण हैं। वे इतनी सच्चाई और विश्वसनीयता से बोलते हैं कि वे क्या बोल रहे हैं इससे फ़र्क नहीं पड़ता, आप सिर्फ़ उनका अनुसरण करना चाहते हैं।
अगर हम स्वाभाविक रूप से मंच पर खड़े होकर बोलने के लिए प्रशिक्षित नहीं होते हैं तो बोलते समय दिल से जुड़ाव टूट जाता है।
एमिली - मैं जल्द ही डेनिश हार्टफुलनेस केंद्र में आपसे प्रशिक्षण लेने की प्रतीक्षा कर रही हूँ और उम्मीद करती हूँ कि एक दिन आप भारत में कान्हा आकर आवाज़ के प्रशिक्षण का संचालन करेंगी। आपकी कार्यशाला से हम क्या अपेक्षा कर सकते हैं?
मरेटा -‘द मैजिक ऑफ़ वॉइस’ एक मार्गदर्शिका है जो आवाज़ को एक साधन और मांसपेशी (जिसे आप प्रशिक्षण दे सकते हैं) के रूप में समझने में सहायता करती है। आवाज़ में पुरुष और स्त्री दोनों के गुण होते हैं और विभिन्न परिस्थितियों में इन पहलुओं में निरंतर बदलाव करने की क्षमता लाभप्रद हो सकती है। यह केवल नेतृत्व की भूमिका में या व्यावसायिक समझौतों में या प्रस्तुति देते समय ही नहीं बल्कि आपके दैनिक जीवन में भी उपयोगी हो सकती है। जब आप मेरी कार्यशाला में आएँगी तो आप लोगों को उनकी आवाज़ों के खोजने व उपयोग के बारे में मदद देने के कई वर्षों के अनुभव का लाभ ले सकेंगी। मैं लोगों को मंच पर, व्यक्तिगत संबंधों में, उनके व्यवसाय में और उनकी प्रस्तुति में सुधार करने के लिए मार्गदर्शन देती हूँ।
एमिली - आपका हार्दिक धन्यवाद, मरेटा।

मरेटा नॉरगार्ड
मरेटा का आवाज़ और प्रदर्शन प्रशिक्षण के क्षेत्र में 20 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उनकी कंपनी, ‘लिविंग वॉइस,’ नेताओं और वार्ताकारों के साथ काम करती है जो उन्हें बेहतर वक्ता बनने, अपन... और पढ़ें