बी. रतिनासभापतिजो फ़ॉरेस्ट बाई हार्टफुलनेस के परिस्थितिकिविद् हैंइस लेख में वर्षावन में मिलने वाले एक ऐसे दुर्लभ वृक्ष के संरक्षण की मर्मस्पर्शी कहानी बता रहे हैं जिसे विलुप्ति के कगार से वापस लाया गया है। यह कहानी हममें यह आशा जगाती है कि थोड़ी सी देखभाल और परवाह से हम अन्य विलुप्त होने वाले वृक्षों को भी बचा सकते हैं।

 

तमिलनाडु के घने जंगलों में एक ऐसा पेड़ पाया जाता है जो इतना ज़्यादा दुर्लभ है कि इस प्रजाति के सिर्फ़ तीन वृक्ष ही मौजूद हैं - पलानी पहाड़ी का रुद्राक्ष (एलेयोकार्पस ब्लास्कोई)।

अज्ञेय एलेयोकार्पस ब्लास्कोई, जिसे सामान्यतः पलानी पहाड़ी रुद्राक्ष कहा जाता है, इस धरती पर पाए जाने वाले वृक्षों की सबसे ज़्यादा दुर्लभ प्रजातियों में से एक हैI मूल रूप से यह सिर्फ़ भारत के दक्षिणी सिरे पर स्थित तमिलनाडु में कोडाईकनाल के प्राचीन वर्षावनों ही पाया जाता हैI वर्षों से यह दुर्लभ वृक्ष वनस्पतिज्ञों और संरक्षणकर्ताओं को आकर्षित करता रहा हैI आज की तारीख में इस प्रजाति के सिर्फ़ तीन वृक्षों की हमें जानकारी है - दो पेड़ किसी की निजी संपत्ति पर हैं और एक जंगल में।

अतीत की एक झलक

बीसवीं सदी में इसकी खोज होने के बाद से एलेयोकार्पस ब्लास्कोई ने अपनी दुर्लभता और पर्यावरणीय महत्व के कारण बड़ी तेज़ी से सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लियाI तब से उसका जीवन वन की कटाई, उसके आवास विखंडन और उसके अंकुरित होने में आने वाली कुछ प्राकृतिक चुनौतियों के कारण खतरे में पड़ गया हैI भू-क्षरण और पानी के तेज़ बहाव डिंडीगल के मैदानी इलाकों से बीजों को बहा ले जाते हैंI ऐसी कठोर पर्यावरणीय परिस्थितियों के कारण एलेयोकार्पस ब्लास्कोई के बीज अक्सर पनप नहीं पाते हैंI

संरक्षण का उपक्रम - एक क्रांतिकारी मोड़

वर्ष 2006 में एलेयोकार्पस ब्लास्कोई के दो छोटे पौधे, जिन्हें प्यार से बॉब और तान्या का नाम दिया गया, का वृक्षारोपण किया गया, ताकि इस प्रजाति को बचाया जा सकेI संरक्षणकर्ताओं के अथक प्रयासों के फलस्वरूप ये दोनों पौधे अच्छी तरह पनपे और सबके मन में इस प्रजाति के बचने की उम्मीद जाग उठीI

 

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वर्ष 2022 में हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट ने एलेयोकार्पस ब्लास्कोई के संरक्षण के लिए एक निर्णायक कदम उठायाI इस प्रजाति को खतरे से बचाने के लिए इस संस्था ने ऊतक संवर्धन (tissue culture) तकनीकों को अपनाया ताकि इस प्रजाति का प्रजनन किया जा सके और साथ ही अनुवांशिक विविधता को भी सुनिश्चित किया जा सकेI

फ़ॉरेस्ट बाई हार्टफुलनेस में हम समझते हैं कि एलेयोकार्पस ब्लास्कोई का संरक्षण सिर्फ़ एक प्रजाति को बचाने से कहीं ज़्यादा हैI यह जैव-विविधता को बचाने और पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने की एक प्रतिबद्धता हैI हमारी बहु-विषयक टीम नीचे दिए हुए क्षेत्रों में कठिन परिश्रम कर रही है -

  • प्रजनन तकनीकों को विकसित करना - ऊतक संवर्धन तकनीक उम्मीद की एक नई किरण लेकर आई है जिसके कारण नियंत्रित वातावरण में एलेयोकार्पस ब्लास्कोई का प्रजनन संभव हो पाया हैI
  • उपयुक्त आवास तैयार करना - प्राकृतिक वर्षावन के परितंत्र की नकल करके छोटे पौधों के बढ़ने और पनपने के लिए उपयुक्त वातावरण उपलब्ध कराने की कोशिश की गई हैI
  • सामुदायिक भागीदारी - समाज में संरक्षण संबंधी प्रयासों के प्रति सामूहिक ज़िम्मेदारी की भावना को विकसित करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम और शिक्षा अभियान बेहद ज़रूरी हैंI

चुनौतियाँ और जीत

एलेयोकार्पस ब्लास्कोई के संरक्षण की यात्रा चुनौतियों से भरी हैI इस प्रजाति का अंकुरण दर प्राकृतिक रूप से कम है और इनके सफल प्रतिरोपण के लिए बहुत ही ज़्यादा सावधानी बरतनी पड़ती हैI फिर भी हर पनपता पौधा प्रकृति और मानवता के लिए एक जीत हैI

 

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वैश्विक और स्थानीय भागीदारों के सहयोग से हम इन प्रयासों के अच्छे परिणाम देख पा रहे हैंI एलेयोकार्पस ब्लास्कोई के साथ-साथ कीड़े-मकौड़ों और पक्षियों की वापसी, जीवन की परस्पर संबद्धता और परितंत्र में इस प्रजाति की महत्वपूर्ण भूमिका की पुष्टि करती हैI

 

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उचित कार्यवाही के लिए आह्वान

एलेयोकार्पस ब्लास्कोई की कहानी प्रकृति की दृढ़ता और मानवीय दृढ़ निश्चय के प्रभाव का जीता जागता सबूत हैI इस प्रजाति को विलुप्ति के कगार से वापस लाने के प्रयास में हम संस्थाओं, सरकारों और सभी लोगों का आह्वान करते हैं ताकि वे प्राकृतिक विरासत के संरक्षण में आगे बढ़ कर हमारा हाथ बटाएँI

हम सब मिल कर यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आने वाली पीढ़ी पलानी पहाड़ी के रुद्राक्ष की भव्यता को सिर्फ़ अतीत के अवशेष के रूप में जानने के बजाय जैव विविधता के संरक्षण के प्रति हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता के जीते-जागते सबूत के रूप में इसके प्रति आश्चर्यचकित होI

एलेयोकार्पस ब्लास्कोई की उत्तरजीविता संरक्षण प्रयासों से कहीं बढ़ कर है; मानवता ने जिसे स्वयं खतरे में डाला, यह उसे बचाने की उसकी काबिलियत का प्रतीक हैI आइए, इस भव्य पेड़ के भविष्य और उसकी दुनिया को बचाने के लिए हम जो कुछ भी कर सकते हैं करेंI

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